संभल में होली से कुछ दिन पहले प्रशासन ने जामा मस्जिद को तिरपाल से ढक दिया है. यह कदम होली और रमजान के शांतिपूर्ण आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मस्जिद को तिरपाल से ढकते हुए देखा जा सकता है.
कड़ी की गई सुरक्षा
स्थानीय प्रशासन ने त्योहारों के दौरान शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है. पिछले साल जामा मस्जिद के एक कोर्ट के आदेश से हुए सर्वेक्षण के खिलाफ हुए प्रदर्शन में हिंसा और मौतें हुई थीं, जिसके बाद प्रशासन इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहता.
संभल में होली शुरू
संभल में होली की शुरुआत रंगभरी एकादशी से हो चुकी है, जो मुख्य उत्सव से पांच दिन पहले मनाई जाती है. इस साल शुक्रवार को मुख्य होली समारोह होगा. प्रशासन ने तैयारियों को लेकर विस्तृत जानकारी दी है. संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बताया, "कल मेलों का जुलूस निकाला जाएगा. कुल 16 मेले होंगे. हमने हर मोहल्ले और गांव में शांति समिति की बैठकें कीं और जिला स्तर पर दो बैठकें आयोजित की गईं."
#WATCH | Uttar Pradesh | Sambhal's Jama Masjid being covered with Tarpaulin sheet ahead of Holi festival as per the decision of the local administration pic.twitter.com/cMIW0cV8mF
— ANI (@ANI) March 12, 2025
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जिलाधिकारी ने सुरक्षा व्यवस्था के बारे में कहा, "हमने 27 त्वरित प्रतिक्रिया टीमें बनाई हैं. छह जोन और 29 सेक्टर बनाए गए हैं, जहां मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं. सभी थानों के प्रभारियों और मजिस्ट्रेटों को संवेदनशील इलाकों में गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं. पीएसी बटालियनों को तीन स्तर की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है. 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और नगर पालिका की मदद से हर त्योहार के दौरान 100-150 अतिरिक्त कैमरे लगाए जाते हैं. ड्रोन से एक बार निगरानी हो चुकी है और एक बार फिर होगी. डीआईजी के नेतृत्व में फ्लैग मार्च भी किया गया."
‘होली साल में सिर्फ एक दिन’
विपक्षी दलों ने संभल के सर्किल ऑफिसर (CO) अनुज कुमार चौधरी के उस बयान की आलोचना की है, जो उन्होंने 6 मार्च को शांति समिति की बैठक में दिया था. विपक्ष ने इसे सांप्रदायिक करार दिया. सीओ ने कहा, "हमने मुस्लिम समुदाय से अनुरोध किया है कि अगर उन्हें रंग लगना स्वीकार नहीं है, तो वे होली के आयोजन वाली जगहों पर न आएं.
साल में 52 जुम्मे होते हैं, लेकिन होली सिर्फ एक दिन की होती है. हिंदू पूरे साल होली का इंतजार करते हैं, जैसे मुस्लिम ईद का. हमारा साफ संदेश है कि होली के दौरान अगर वे रंग से बचना चाहते हैं, तो घर पर रहें. और अगर वे बाहर निकलते हैं, तो रंग पड़ने पर आपत्ति न करें." संभल प्रशासन की यह तैयारी पिछले साल की हिंसा को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि इस बार दोनों समुदाय अपने-अपने त्योहार शांति और उत्साह के साथ मना सकें.