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दुपट्टे की वजह से अधूरा रह गया छात्रा का सपना, नहीं लिख पाई NEET का एग्जाम

यह मामला अलीगढ़ के मंजूरगढ़ी गांव का है, जहां रहने वाली हेमा कश्यप नाम की छात्रा ने नीट (NEET) परीक्षा की तैयारी के लिए एक साल तक कड़ी मेहनत की. हेमा के पिता मजदूरी करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. फिर भी, उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी.

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Edited By: Gyanendra Sharma
NEET Exam
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. एक साधारण दुपट्टा एक छात्रा के लिए परेशानी का सबब बन गया. इस छात्रा का सपना था कि वह डॉक्टर बने और इसके लिए उसने दिन-रात मेहनत की. लेकिन एक लेखपाल की अजीब सोच और मनमानी ने उसके सपनों पर पानी फेर दिया. दरअसल, छात्रा का जाति प्रमाण पत्र सिर्फ इसलिए रद्द कर दिया गया, क्योंकि उसने अपनी फोटो में सिर पर दुपट्टा रखा था. 

यह मामला अलीगढ़ के मंजूरगढ़ी गांव का है, जहां रहने वाली हेमा कश्यप नाम की छात्रा ने नीट (NEET) परीक्षा की तैयारी के लिए एक साल तक कड़ी मेहनत की. हेमा के पिता मजदूरी करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. फिर भी, उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी. नीट परीक्षा के लिए जाति प्रमाण पत्र की जरूरत थी, जिसके लिए हेमा ने ऑनलाइन आवेदन किया. लेकिन जब उसका आवेदन लेखपाल के पास पहुंचा, तो उसे यह कहकर खारिज कर दिया गया कि फोटो में सिर पर दुपट्टा होने की वजह से उसकी पहचान संदिग्ध है.

हैरानी की बात यह है कि हेमा ने अपना आवेदन एक बार नहीं, बल्कि तीन बार जमा किया और हर बार लेखपाल ने उसे रद्द कर दिया. परेशान होकर जब हेमा ने लेखपाल से इसकी वजह पूछी, तो जवाब मिला कि दुपट्टे की वजह से वह किसी दूसरी जाति या धर्म की लग रही थी. हेमा ने स्पष्ट किया कि वह हिंदू है और दुपट्टा उसने सिर्फ परंपरा और गर्मी से बचने के लिए पहना था. इसके बाद लेखपाल ने उसे चौथी बार आवेदन करने को कहा. लेकिन तब तक नीट परीक्षा का फॉर्म भरने की आखिरी तारीख निकल चुकी थी. एक साल की मेहनत और डॉक्टर बनने का सपना सिर्फ एक दुपट्टे की वजह से अधूरा रह गया.

इस घटना से आहत हेमा और उसके परिवार ने लेखपाल की इस मनमानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. हेमा का कहना है, मेरी फोटो में चेहरा साफ दिख रहा था. दुपट्टा मेरी पहचान नहीं बदलता. मैंने जो मेहनत की, उसे कोई नहीं देखेगा, लेकिन एक छोटी सी बात को आधार बनाकर मेरा भविष्य छीन लिया गया.