बरेली की एक अदालत ने एक युवती से गैंगरेप और उसकी हत्या करने के मामले में छह लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई. एडिशनल डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट अधिवक्ता (एडीजीसी) स्वतन्त्र कुमार पाठक ने बताया कि 2001 में क्योलड़िया थाना क्षेत्र के एक गांव में निरंजन लाल और भगवान दास के खिलाफ एक किशोरी से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया गया था और इस मामले में दोनों जेल भी गए थे.
उन्होंने बताया कि इसी मुकदमे की रंजिश को लेकर पांच नवंबर 2008 को निरंजन लाल, भगवान दास और उनके साथी रामेश्वर दयाल, पप्पू, बादल और कुंवर सेन ने पीड़िता से गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी. पाठक ने बताया कि अगले दिन युवती का शव अर्द्धनग्न अवस्था में निरंजन लाल के खेत में पाया गया.
उन्होंने बताया कि इस मामले में आठ नवंबर 2008 को सभी छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. एडीजीसी ने बताया कि विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अदालत) राकेश त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बृहस्पतिवार को सभी आरोपियों निरंजन लाल, भगवान दास और उनके साथियों रामेश्वर दयाल, पप्पू, बादल और कुंवर सेन को दुष्कर्म और हत्या के लिए दोषी करार देते हुए उम्र कैद और 65-65 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.