मुर्गे को ईट-पत्थरों से मार डाला तो दो लोगों पर दर्ज हुआ हत्या का केस, जानें पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के गढ़मालपुर गांव में एक मुर्गे की मौत को लेकर जमकर हंगामा मच गया है. मामला इतना बढ़ गया कि मुर्गे की मालकिन पुलिस के पास पहुंच गई. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है.

Balia Police Case Ragistered for Killing Hen: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के गढ़मालपुर गांव में एक मुर्गे की मौत को लेकर जमकर हंगामा मच गया है. मामला इतना बढ़ गया कि मुर्गे की मालकिन पुलिस के पास पहुंच गई. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक, गढ़मालपुर गांव की रहने वाली आरती देवी और उनके पड़ोसी सूरज राम के बीच काफी समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. इसी विवाद के चलते शनिवार को दोनों के बीच बहस हुई जो आगे चलकर मारपीट में तब्दील हो गई.
मुर्गे की हत्या पर हुआ विवाद
आरोप है कि इसी झगड़े के दौरान सूरज राम और शीला देवी ने आरती देवी के मुर्गे को ईंट-पत्थर से मार दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. घटना के बाद आरती देवी, जो पंचमी राम की पत्नी हैं. उसने पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज की. उनकी तहरीर के आधार पर ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
पुलिस ने दर्ज किया मामला
थानाध्यक्ष पकड़ी लाल मणि सरोज ने बताया कि आरती देवी और सूरज राम के बीच पहले से विवाद था, जो इस घटना के चलते और बढ़ गया. मुर्गे की मौत के बाद मामला थाने तक पहुंचा और पुलिस ने सूरज राम व शीला देवी के खिलाफ मारपीट और पशु हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया.
पुलिस के मुताबिक, जब आरती देवी ने आरोपियों का विरोध किया तो उन्होंने न सिर्फ उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां दीं बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी. पुलिस ने शिकायत के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
क्या है सजा का प्रावधान?
भारतीय दंड संहिता की धारा 325 के तहत किसी जीव-जंतु को मारने पर दोषियों को तीन महीने से लेकर पांच साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा जुर्माने का भी प्रावधान है. साथ ही, वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत भी दोषियों को दंडित किया जा सकता है.