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गर्भ में बेटा है या बेटी... देखने के लिए फाड़ दिया था प्रेग्नेंट पत्नी का पेट, अब कोर्ट ने पति को सुनाई ये सजा

Badaun Crime News: गर्भ में बेटा है या फिर बेटी... ये देखने के लिए एक शख्स ने अपनी प्रेग्नेंट पत्नी का पेट फाड़ दिया था. तीन साल पुराने मामले में कोर्ट ने आरोपी पति को आजीवन कारावास का सजा सुनाई है.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: Photo Credit- Social Media

Badaun Crime News: बदायूं में तीन साल पहले एक मामला सामने आया था. एक शख्स ने अपने प्रेग्नेंट पत्नी का पेट सिर्फ इसलिए फाड़ दिया था, क्योंकि उसे देखना था कि बेटा होगा या बेटी. आरोपी पति पहले से पांच बेटियों का पिता था, लेकिन इस बार उसे बेटा ही चाहिए था. वारदात के बाद महिला की जान तो बच गई थी, लेकिन गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई थी. इत्तेफाक से वो बेटा ही था. अब मामले में कोर्ट ने आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

मामला बदायूं के थाना सिविल लाइन का है. नेकपुर मोहल्ला के गली नंबर 3 में रहने वाली पीड़िता ने कोर्ट के फैसले के बाद खुशी जताई है. पत्नी के मुताबिक, वो पहले 5 बेटियों को जन्म दे चुकी थी. बेटे की चाहत में उसके पति ने एक और बच्चे की इच्छा जताई. कुछ दिनों बाद महिला प्रेग्नेट हो गई. कुछ महीने बाद अचानक उसका पति नशे में आया और गर्भ में बेटा है या बेटी, ये देखने के लिए धारदार हथियार से उसका पेट फाड़ दिया. पेट फटने की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई थी. 

घटना 19 सितंबर 2020 की है. जानकारी के मुताबिक, पीड़िता अनीता घर पर काम निपटा रही थी. इसी दौरान उनका पति आरोपी पन्नालाल नशे की हालत में उनके पास पहुंचा. अनीता ने बताया कि पन्नालाल आते ही मुझसे झगड़ा करने लगा और कहा कि अब तक 5 बेटियों को जन्म हो चुका है. अब मुझे तुम्हारा पेट फाड़कर देखना है कि गर्भ में बेटा पल रहा है या फिर बेटी. 

पत्नी और बेटियों के विरोध के बावजूद फाड़ दिया पेट

अनिता ने बताया कि पन्नालाल के पेट फाड़ने वाली जिद का मैंने और मेरी बेटियों ने विरोध किया, लेकिन पन्नालाल अपनी जिद पर अड़ा रहा और घर में रखे धारदार हथियार (हंसिया) से पेट फाड़ दिया. अनीता ने बताया कि पेट पर हंसिया के वार के बाद गर्भ में पल रहे बच्चे का पैर बाहर आ गया. किसी तरह घर वाले अनीता को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने अनीता को तो बचा लिया, लेकिन गर्भ में पल रहे बच्चे को नहीं बचाया जा सका. 

जमानत पर छूटा तो समझौते के लिए अनीता और बेटियों से की मारपीट

पीड़िता के मुताबिक, वारदात के करीब 8 महीने बाद तक उनका इलाज चला. इस बीच पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत आरोपी पन्नालाल को जेल भेज दिया था. कुछ महीने बाद जब पन्नालाल को जमानत मिली, तो उसने पत्नी और बेटियों पर समझौते का दबाव बनाया. जब पत्नी और बेटियां नहीं मानी, तो आरोपी ने उनके साथ मारपीट की. 

3 साल बाद बदायूं के एफटीसी-1 न्यायालय ने आरोपी पन्नालाल को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने आरोपी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं अदा करने पर 6 महीने अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. फैसले के बाद अनीता ने बताया कि वारदात के बाद से वो अकेली रह रही है. राशन का दुकान चलाकर अपना घर चला रही हैं और बेटियों को पढ़ा रही हैं.