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Ayodhya News: अयोध्या के छावनी परिषद कैंट ऑफिस में CBI की रेड, 25 करोड़ के घोटाले का है आरोप

Ayodhya News: अयोध्या के छावनी परिषद कैंट ऑफिस में गुरुवार को CBI की टीम ने छापेमारी की. कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के एक नेता ने विकास कार्यों में 25 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप लगाया था. कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी के नेता के आरोपों के बाद आज सीबीआई की टीम कैंट ऑफिस पहुंची और पूरे परिसर को कब्जे में लेकर पड़ताल शुरू कर दी.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: pinterest

Ayodhya News: अयोध्या में छावनी परिषद बोर्ड कार्यालय पर आज यानी गुरुवार दोपहर बाद CBI की टीम ने छापेमारी की. समाजवादी पार्टी के नेता पवन पांडे की ओर से कुछ दिनों पहले ही विकासकार्यों में 25 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था. 

समाजवादी पार्टी के नेता पवन पांडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोटाले का आरोप लगाया था. अब सीबीआई की टीम ने छापेमारी कर पूरे परिसर को कब्जे में ले लिया है. कहा जा रहा है कि सीबीआई की टीम जांच पड़ताल और पूछताछ कर रही है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार दोपहर सीबीआई की टीम दो गाड़ियों से कैंटोनमेंट कैंपस के बाहर पहुंची. इसके बाद टीम में शामिल अधिकारी पूरे परिसर में फैल गए. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई अधिकारियों ने पूरे परिसर में जरूरी दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है.

पूछताछ के लिए कर्मचारियों को घरों से बुलाया

जानकारी के मुताबिक, जब सीबीआई की टीम कंटोनमेंट कैंपस पहुंची, तब कुछ कर्मचारी यहां मौजूद नहीं थे. सीबीआई अधिकारियों ने उन्हें घरों से बुलाकर पूछताछ शुरू कर दी है. 

समाजवादी पार्टी के नेता ने क्या लगाए थे आरोप

समाजवादी पार्टी की नेता की ओर से टेंडर में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि कैंटोनमेंट बोर्ड में टेंडर के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है. उन्होंने दावा किया था कि जिस कोड से टेंडर निकाला गया, उसी कोड से टेंडर डाला भी गया है. यानी टेंडर निकालने वाला और टेंडर भरने वाला दोनों एक ही है.

समाजवादी पार्टी के नेता ने इस मामले में डिफेंस मिनिस्ट्री से जांच-पड़ताल की मांग की थी. उन्होंने मांग की थी कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. 

पवन पांडे ने आरोप लगाते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार के खेल में एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट फर्जी, डीएम ऑफिस का सर्टिफिकेट फर्जी समेत अन्य फर्जी प्रमाण पत्रों का यूज हुआ है. फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए ही ठेकेदार और कैंटोनमेंट बोर्ड के अधिकारियों ने करोड़ों रुपये का घोटाला किया है.