जान के दुश्मन बने 6 कलीग्स, किया इतना परेशान कि जहर खाकर दे दी जान, पूरी कहानी पढ़कर दंग रह जाएंगे आप
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 27 साल की एक्सिस बैंक में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने जहर खाकर जान दे दी. वह एक्सिस बैंक में बतौर रिलेशनशिप ऑफिसर के रूप में काम करती थी. सुसाइड करने से पहले उसे टर्मिनेशन का ईमेल भी आया था. उसने सुसाइड नोट में वर्क प्लेस के टॉक्सिक कल्चर के बारे में लिखा है. सुसाइड नोट में 6 कलीग्स के नाम लिखे हैं जो उसे परेशान किया करते थे.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 27 साल की एक बैंक एग्जीक्यूटिव ने जहर खाकर जान दे दी. वह नोएडा के सेक्टर 128 के एक्सिस बैंक के दफ्तर में काम करती थी. 9 महीने पहले ही वह थर्ड पार्टी के जरिए हायर हुई थी. सुसाइड नोट में महिला ने ऑफिस कलीग्स पर कई तरह के आरोप लगाए हैं. सुसाइड नोट में उसने बताया कि ऑफिस में कलीग्स उसे तलाकशुदा और बंदरिया कहकर बुलाते थे.
महिला का नाम शिवानी गुप्ता बताया जा रहा है. वह बतौर रिलेशनशिप ऑफिसर के रूप में एक्सिस बैंक में कार्यरत थी. 12 जुलाई को शाम करीब 4 बजे शिवानी ने जहर खाकर जान दी. उससे 2 घंटे पहले शिवानी को टर्मिनेशन का ईमेल भी रिसीव हुआ था. एक निजी संस्थान से एमबीए करने के बाद शिवानी थर्ड पार्टी के जरिए 21 अक्टूबर 2023 को एक्सिस हाउस ज्वाइन किया था.
6 कलीग्स के नाम सुसाइड नोट में
शिवानी ने सुसाइड नोट में 6 कलीग्स के नाम लिखे. उसमें एक सेल्स मैनेजर और एक एरिया सेल्स मैनेजर का भी नाम शामिल है. शिवानी के भाई ने उन सभी 6 कलीग्स के खिलाफ के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. गाजियाबाद के नंदग्राम पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत FIR दर्ज की गई है.
बैंक के स्पोक पर्सन ने कही यह बात
एक्सिस बैंक के एक अधिकारी ने कहा, "हमारी टीम इस घटना से बहुत दुखी हैं. शिवानी थर्ड पार्टी के जरिए हमारे कार्यालय में काम कर रही थी. हमारी संवेदनाएं शिवानी के परिवार के साथ हैं. एक्सिस बैंक कार्यस्थल से संबंधित किसी भी हिंसा के प्रति जीरो सहिष्णुता रखता है. इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. हम पुलिस को हर संभव तरीके पूरा सहयोग दे रहे हैं."
मेंटल हेल्थ का शिकार हो गई थी शिवानी
सुसाइड नोट से पता चला है कि शिवानी को वर्क प्लेस पर कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था. उसे छह महीने तक लगातार आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग और उपहास का सामना करना पड़ा था. इन सबके चलते शिवानी की मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हुई थी.
मेंटल हेल्थ के लिए शिवानी को नई दिल्ली स्थित मानसिक स्वास्थ्य संस्थान विमहांस में मनोचिकित्सक से परामर्श लेने के लिए बाध्य होना पड़ा था.
सुसाइड नोट में 2 घटनाओं का भी जिक्र
सुसाइड नोट में शिवानी ने दो घटनाओं का जिक्र किया है. पहली घटना 29 जून की है जब उसके कलीग्स जो अक्सर उससे लड़ते रहते थे वो और अन्य चार सहकर्मी वर्क प्लेस पर लंच कर रहे थे. उन्होंने शिवानी से वहां साफ सफाई करने को कहा. शिवानी के मना करने पर कलीग्स ने शिवानी को गाली दी. इससे शिवानी बहुत आहत हुई.
सुसाईड नोट में शिवानी ने एक और घटना का जिक्र किया है जो 9 जुलाई को घटी थी. इस दिन एक कलीग ने शिवानी से झगड़ा कर लिया था. शिवानी ने नोट में लिखा- "उसने मुझे गलत शब्द बोले. उसने मेरा हाथ तेजी से पकड़ा तो उसका एक नाखून मेरी स्किन पर घुस गया और मेरे स्किन से खून निकलने लगा. मैंने उसे थप्पड़ मारा, जिसके कारण हमारे बीच झगड़ा हुआ. जब मैंने अपने सीनियर्स से इस बारे में बताया तो उन्होंने उस कलीग का समर्थन किया और मेरे खिलाफ कार्रवाई की. मैंने अपने परिवार को इस बारे में नहीं बताया क्योंकि मैं परिवार को तनाव में नहीं रखना चाहती थी."
शिवानी ने सुसाइड नोट के अंतिम पन्ने पर अपने भाई के लिए लिखा- भाई तुम परिवार का ख्याल रखना और मुझे परेशान करने वालों को कड़ी सजा दिलाना."
भाई ने क्या बताया?
इसके साथ शिवानी ने अपनी बैंक और कार्ड की डिटेल भी लिखी थी. शिवानी के भाई गौरव ने बताया कि उसकी बहन ने सुसाइड करने से 4 दिन पहले उसे बताया था कि उसे ऑफिस में बहुत दिक्कत हो रही है.
गौरव ने अपनी शिकायत में कहा- "मेरी बहन ने हमें बताया था कि उसके कुछ कलीग्स पिछले छह महीनों से उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर रहे थे."
SP ने क्या कहा?
नंदग्राम के एसीपी रवि कुमार सिंह ने इस मामले को लेकर कहा, "हमने सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग एक्सपर्ट्स के पास भेजा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सुसाइड नोट को शिवानी ने लिखा या किसी और ने. इसके साथ ही हम शिवानी के कलीग्स के बयान भी दर्ज करेंगे."
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