ग्रेटर नोएडा में पहली बार ऑस्ट्रिया का 24 सदस्यीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल ग्रेटर नोएडा पहुंचा. उत्तर प्रदेश में निवेश की उम्मीदों के बीच नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण और इनवेस्ट यूपी के अधिकारियों ने उपलब्ध संसाधनों और सरकारी नीतियों पर प्रतिनिधिमंडल के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया. प्रतिनिधिमंडल ने टूरिज्म, स्टार्टअप, कौशल विकास, रिसर्च, ड्रोन और टेक्नोलॉजी पर निवेश की इच्छा जताई. मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद मिथिलेश कुमार कठेरिया भी इस दौरान मौजूद रहे. उन्होंने अपने संबोधन मेें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन पर फोकस किया.
ऑस्ट्रिया के टाइरोल इकोनॉमिक चैंबर के वाइस प्रेसीडेंट मैनफ्रेड प्लेजर के नेतृत्व में 24 सदस्यों का सरकारी प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय दौरे पर भारत आया है. यह प्रतिनिधिमंडल ऑस्ट्रिया के निवेषकों के लिए टूरिज्म, स्टार्टअप, कौशल विकास, रिसर्च, ड्रोन और टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं तलाशने भारत आया है.
बंगलुरू भ्रमण के बाद प्रतिनिधिमंडल बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा पहुंचा. ग्रेटर नोएडा के जेपी रिसॉर्ट में प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक का आयोजन किया गया. ऑस्ट्रिया दूतावास के अधिकारीगण भी इस बैठक में शामिल रहे. उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण और इनवेस्ट यूपी के अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने प्रस्तुतिकरण में कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला प्रदेश है. यहां कृषि, शिक्षा, स्टार्ट अप, टेक्नोलॉजी, टूरिज्म आदि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. सीईओ ने मथुरा, काशी और अयोध्या में टूरिज्म की संभावनाओं को रेखांकित किया.
सीईओ ने ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक फोकस किया. ग्रेटर नोएडा से जुड़े सभी एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, डाटा सेंटर, नॉलेज हब और मास्टर प्लान 2041 के ग्रेटर नोएडा आदि का खाका प्रतिनिधिमंडल के समक्ष खींचा.
प्रतिनिधिमंडल ने यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को सराहा और टूरिज्म, स्टार्टअप, कौशल विकास, रिसर्च, ड्रोन, टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में निवेश, परस्पर सहयोग और ज्वाइंट वेंचर बनाकर कार्य करने की इच्छा जाहिर की. प्रतिनिधिमंडल ने लंच के दौरान भारतीय व्यंजनों की तारीफ की.