Mahakumbh 2025

किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने का किया था विरोध, सामने आया हमले का वीडियो

हमला शनिवार रात सेक्टर-8 स्थित कैंप में किया गया. इसके फुटेज सामने आ गए हैं. हिमांगी सखी ने कहा कि लक्ष्मी नारायण अपने साथ 50-60 लोगों को लेकर आई थीं, जिनके पास त्रिशूल, फरसा जैसे हथियार थे.

महाकुंभ में किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला हुआ. इस हमले में हिमांगी सखी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं. उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर हमला करने का आरोप लगाया है. यह हमला उस समय हुआ जब वह प्रयागराज के सेक्टर 8 स्थित कैंप में थी. हिमांगी का आरोप है कि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्णी नारायण त्रिपाठी अपने कुछ किन्नर सहयोगियों के साथ कैंप में पहुंची और उन पर हमला किया.

सामने आया हमले का वीडियो

हमला शनिवार रात सेक्टर-8 स्थित कैंप में किया गया. इसके फुटेज सामने आ गए हैं. हिमांगी सखी ने कहा कि लक्ष्मी नारायण अपने साथ 50-60 लोगों को लेकर आई थीं, जिनके पास त्रिशूल, फरसा जैसे हथियार थे.

ममता कुलकर्णी का किया था विरोध

बता दें कि हिमांगी सखी लगातार ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने का विरोध कर रही थीं. ममता के विरोध में उन्होंने कहा था- किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है, एक महिला को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया. वो भी तब जब उसके अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं.

हिमांगी सखी का बयान

किन्नर जगदगुरु हिमांगी सखी ने बताया- मैं इस समय सेक्टर-8 में रह रही हूं. कल रात मैं अपने सेवादारों के साथ शिविर में थी. रात करीब 9.50 बजे किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अपने साथ पवित्रा, कलावती मां, कौशल्या नंदगिरी उर्फ टीना मां, कलकेश्वरी, आशानाथ के साथ मेरे पास पहुंचीं. ये लोग 10-12 गाड़ियों में 50 अन्य लोगों के साथ लाठी-डंडे, हॉकी, रॉड, तलवार, फरसा, त्रिशूल और असलहे लेकर मेरे शिविर में घुस आए.

मेरी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी को पकड़ लिया. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और उनके साथियों ने जान से मारने की नीयत से मुझ पर हमला किया. मुझे लात, मुक्के, घूसों और डंडे से बुरी तरह मारा पीटा. इससे मैं गंभीर रूप से घायल हो गई. मेरे सभी सेवादार इन लोगों के हाथ-पैर जोड़ते रहे. लेकिन, इन लोगों ने किसी की बात नहीं सुनी. ये लोग मेरे पास रखे हुए करीब 10 लाख रूपये व सोने के आभूषण व जेवरात लूट लिए.

जाते जाते लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी व उनके साथ के लोग मुझे भद्दी-2 गालियां तथा धमकी दी. कि यदि तुम ऐसे ही मीडिया में लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के खिलाफ बयान बाजी करती रहोगी तो हम लोग तुम्हें जान से खत्म कर देंगे. इस घटना की वीडियो रिकार्डिंग सीसीटीवी में मौजूद है.

हमले से पहले अखाड़े से जुड़ी थीं हिमांगी सखी

हमले के दिन शनिवार सुबह ही बगावत करने वाली हिमांगी सखी फिर से किन्नर अखाड़े से जुड़ी थी. महाकुंभ में वह लगातार किन्नर अखाड़े का बगावत कर रही थीं. आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी की मौजूदगी में वह अखाड़े से फिर से जुड़ गईं.

कौन हैं हिमांगी सखी?

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मूलरूप से मुंबई की रहने वाली हैं. माता-पिता के निधन और बहन की शादी के बाद वे वृंदावन चली गईं. गुरु की शरण में रहकर शास्त्रों का अध्ययन किया. फिर गुरु आज्ञा पर धर्म का प्रचार करने वृंदावन छोड़कर मुंबई चली गईं. मुंबई में उन्होंने फिल्मों में भी अभिनय किया, लेकिन धर्म में ही मन रमा रहा. बाद में सब कुछ छोड़कर हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में जुट गईं.

महामंडलेश्वर की उपाधि

हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि पशुपतिनाथ पीठ अखाड़े से मिली है. यह अखाड़ा नेपाल में है. 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ में नेपाल के गोदावरी धाम स्थित आदि शंकर कैलाश पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर गौरीशंकर महाराज ने उन्हें पशुपतिनाथ पीठ की महामंडलेश्वर की उपाधि दी. अब तक महामंडलेश्वर हिमांगी सखी बैंकॉक, 1  सिंगापुर, मॉरीशस, मुंबई, पटना आदि जगहों पर 50 से अधिक भागवत कथाएं कर चुकी हैं.