Milkipur by-election seat: मिल्कीपुर उपचुनाव सीट पर हार के बाद सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पीडीए की लगातार बढ़ती शक्ति का मुकाबला केवल मतों के आधार पर नहीं कर सकती.
यही कारण है कि वह चुनावी तंत्र का दुरुपयोग कर जीत हासिल करने की कोशिश करती है. लेकिन जनता की जागरूकता और लोकतंत्र के प्रति उसकी निष्ठा के आगे यह रणनीति सफल नहीं होगी.
पीडीए की बढ़ती शक्ति का सामना भाजपा वोट के बल पर नहीं कर सकती है, इसीलिए वो चुनावी तंत्र का दुरुपयोग करके जीतने की कोशिश करती है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 8, 2025
ऐसी चुनावी धांधली करने के लिए जिस स्तर पर अधिकारियों की हेराफेरी करनी होती है, वो 1 विधानसभा में तो भले किसी तरह संभव है, लेकिन 403 विधानसभाओं में…
चुनावी धांधली की साजिश और उसकी सीमाएं
चुनावी धांधली को अंजाम देने के लिए जिस स्तर पर अधिकारियों की मिलीभगत करनी होती है, वह किसी एक विधानसभा क्षेत्र में तो संभव हो सकती है, लेकिन 403 विधानसभाओं में यह ‘चार सौ बीसी’ नहीं चलेगी. भाजपा के रणनीतिकार भी इस सच्चाई को समझते हैं, इसी कारण मिल्कीपुर का उपचुनाव टाल दिया गया था.
पीडीए समर्थकों, जो कि 90% जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने खुद अपनी आँखों से इस धांधली को देखा है. यह तथाकथित जीत पूरी तरह से झूठी है, और भाजपाई कभी भी आईने में अपनी आँखों में आँखें डालकर इसका जश्न नहीं मना सकते.
भाजपा का डर और अपराधबोध
चुनावी गड़बड़ी में शामिल अधिकारियों का अपराधबोध और भविष्य में हार का डर उन्हें चैन से सोने नहीं देगा. जो अफसर इस लोकतांत्रिक अपराध में शामिल हुए हैं, वे आज नहीं तो कल अपने किए की सजा पाएंगे. न तो प्रकृति उन्हें माफ़ करेगी, न ही कानून.
भाजपा ने सिर्फ उनका इस्तेमाल किया है, लेकिन जब इन अधिकारियों पर गाज गिरेगी, तो कोई भी भाजपाई उनकी ढाल नहीं बनेगा. जब उनकी नौकरी और पेंशन जाएगी, तब उन्हें अपने परिवार और समाज के बीच अपमान का सामना अकेले करना होगा.
लोकसभा चुनावों में अयोध्या में पीडीए की हुई सच्ची जीत, भाजपा की मिल्कीपुर विधानसभा में मिली कथित जीत से कई गुना अधिक प्रभावशाली है और हमेशा बनी रहेगी। जनता का समर्थन और लोकतंत्र की सच्चाई इस झूठे विजय जश्न को ध्वस्त कर देगी.