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'चपरासी बाबू ही रह जाएंगे आम लोग, UPSC में पिछले दरवाजे से हो रहा खेल,' अखिलेश यादव को क्यों लग रहा ऐसा?

अखिलेश यादव को डर सता रहा है कि अब संघ लोक सेवक आयोग में बैकडोर एंट्री होगी और लोग बड़े पदों पर बैठ जाएंगे. आम जनता के हाथों से बड़े पद छूट जाएंगे. उन्होंने कहा है कि सरकार की इस नीति के खिलाफ वे आंदोलन करेंगे क्योंकि इससे युवाओं के भविष्य पर संकट है.

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Edited By: India Daily Live
Akhilesh Yadav
Courtesy: Social Media

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने लैटरल एंट्री के जरिए सीधे कुछ पदों पर भर्तियां निकाली हैं. इन पदों में 45 संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक स्तर के पदों पर भर्तियां होंगी, जिनकी नियुक्ति अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में होगी. यहां अधिकारियों की सीधी भर्ती होगी. इस नियुक्ति को लेकर अब विपक्ष सवाल उठा रहा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि अब आम लोग बाबू-चपारासी बनेंगे, विचारधारा के साथियों को बड़े पद मिल जाएंगे.

अखिलेश यादव ने X पर पोस्ट किया, 'बीजेपी अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाजे से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साजिश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है.'

अखिलेश यादव ने कहा, 'यह तरीका आज के अधिकारियों के साथ, युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा. आम लोग बाबू व चपरासी तक ही सीमित हो जाएंगे.'

'आरक्षण को खत्म करना चाहती है भाजपा'

अखिलेश यादव ने कहा, 'सारी चाल पीडीए से आरक्षण और उनके अधिकार छीनने की है. अब जब बीजेपी ये जान गई है कि संविधान को ख़त्म करने की भाजपाई चाल के खिलाफ देश भर का पीडीए जाग उठा है तो वो ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को दूसरे बहाने से नकारना चाहती है.'

'सरकारी कृपा से नहीं हो सकते लोग निष्पक्ष'

अखिलेश यादव ने कहा, 'भाजपा सरकार इसे तत्काल वापस ले क्योंकि ये देशहित में भी नहीं है. भाजपा अपनी दलीय विचारधारा के अधिकारियों को सरकार में रखकर मनमाना काम करवाना चाहती है. सरकारी कृपा से अधिकारी बने ऐसे लोग कभी भी निष्पक्ष नहीं हो सकते. ऐसे लोगों की सत्यनिष्ठा पर भी हमेशा प्रश्नचिन्ह लगा रहेगा.'

2 अक्टूबर से सरकार के खिलाफ आंदोलन 

अखिलेश यादव ने लिखा, 'देशभर के अधिकारियों और युवाओं से आग्रह है कि यदि भाजपा सरकार इसे वापस न ले तो आगामी 2 अक्टूबर से एक नया आंदोलन शुरू करने में हमारे साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर खड़े हों. सरकारी तंत्र पर कारपोरेट के कब्जे को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे क्योंकि कारपोरेट की अमीरोंवाली पूंजीवादी सोच ज़्यादा-से-ज़्यादा लाभ कमाने की होती है.'

ये है देश के विरुद्ध बड़ी साजिश

अखिलेश यादव ने लिखा, 'ऐसी सोच दूसरे के शोषण पर निर्भर करती है, जबकि हमारी समाजवादी सोच गरीब, किसान, मजदूर, नौकरीपेशा, अपना छोटा-मोटा काम-कारोबार-दुकान करनेवाली आम जनता के पोषण और कल्याण की है. ये देश के विरूद्ध एक बड़ा षड्यंत्र है.'

मायावती ने क्या कहा?

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी लैटरल एंट्री पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, 'केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा. इसके साथ ही, इन सरकारी नियुक्तियों में SC, ST व OBC वर्गों के लोगों को उनके कोटे के अनुपात में अगर नियुक्ति नहीं दी जाती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा. इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियों को बिना किसी नियम के बनाये हुये भरना यह बीजेपी सरकार की मनमानी होगी, जो कि गैर-कानूनी एवं असंवैधानिक होगा.'

क्या है बीजेपी का रिएक्शन?

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा, 'सपा बहादुर कांग्रेस मोहरा अखिलेश यादव जी का PDA बहुत बड़ा धोखा है. झूठ बोलने की आटोमैटिक मशीन बनी सपा लोकसभा चुनाव में जैसे संविधान खत्म हो जाएगा का दुष्प्रचार किया, उसी प्रकार PDA का झूठ फैला रहे हैं. भाजपा ही वर्तमान भाजपा ही भविष्य. 2027 में 2017 दोहराएंगे.'