Bihar: जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर उत्तरप्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ है. जिसका असर बिहार तक पहुंच चुका है. यूपी में अखिलेश यादव जेपी सेंटर में माल्यार्पण करना चाहते थे, लेकिन उन्हें पुलिस द्वारा बाहर ही रोक दिया गया. जिसके कारण यूपी की राजनीति में हलचल तेज हो गई. सरकार के इस एक्शन का विरोध जताते हुए अखिलेश यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से केंद्र सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की अपील की है.
अखिलेश यादव ने सीएम नीतीश कुमार से समर्थन की वापसी का अनुरोध करते हुए कहा सरकार में कई लोग समाजवादी हैं, जिन्होंने सरकार को बनाए रखने के लिए अपना समर्थन दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जय प्रकाश नारायण आंदोलन से उभरे हैं. ऐसे में उनके पास एक मौका है कि वो उस सरकार से अपना समर्थन वापस लें जो श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं दे रही है.
अखिलेश यादव का आरोप
सपा प्रमुख ने जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए कहा कि जेपी एक गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी थे. आपातकाल से पहले और उसके दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ पुरजोर प्रदर्शन किया था. उन्होने आगे कहा कि सरकार द्वारा हमें उन्हें माला पहनाने से रोका जा रहा है, लेकिन हमने भी हार नहीं मानी सड़क पर उतरकर माला पहनाया. अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा वे लोग जेपी संग्रहालय को बेचने की कोशिश कर रहे हैं, जिसकी वजह से जेपीएनआईसी को ढक दिया गया है. जो लोग संग्रहालय को बेचना चाहते हैं वो संविधान की रक्षा कैसे कर सकते हैं.
बीजेपी का पलटवार
समाजवादी पार्टी द्वारा दिए गए इस बयान पर भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव को इस तरह के राजनीतिक स्टंट से बचना चाहिए। शाजिया ने कहा कि अगर अखिलेश यादव जय प्रकाश नारायण को सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहते हैं, तो उन्हें उन गठबंधन को तोड़ना चाहिए जिसके खिलाफ खुद जेपी जी ने आवाज उठाई थी. वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि जेपी नारायण कन्वेंशन सेंटर परियोजना अभी भी निर्माणाधीन है. वहां बरसात के कारण अवांछित जीवों आ चुके हैं, जिसकी वजह से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को वहां जाने से रोका गया है.