समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को अपने राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के 16वीं सदी के राजपूत योद्धा राणा सांगा पर विवादित बयान का बचाव किया. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता औरंगजेब के इतिहास को खंगाल सकते हैं, तो सुमन ने भी बस इतिहास का एक पन्ना उलटा है. सुमन ने संसद में कहा था, "भारतीय मुसलमान बाबर को अपना आदर्श नहीं मानते. वे पैगंबर मुहम्मद और सूफी परंपरा को मानते हैं. लेकिन सवाल यह है कि बाबर को यहां किसने बुलाया? राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को न्योता दिया था."
उन्होंने आगे कहा, "तो अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो हिंदुओं को गद्दार राणा सांगा का वंशज कहना चाहिए. हम बाबर की आलोचना करते हैं, लेकिन राणा सांगा की क्यों नहीं?"
"इतिहास के पन्ने सब पलट रहे हैं"
अखिलेश ने पीटीआई से कहा, "हर कोई इतिहास के पन्ने पलट रहा है. भाजपा नेताओं से पूछिए, वे कौन से पन्ने खोल रहे हैं? वे औरंगजेब पर बहस कर रहे हैं." उन्होंने जोड़ा, "अगर रामजी लाल सुमन जी ने इतिहास के एक पन्ने का जिक्र किया, जिसमें कुछ तथ्य हैं, तो इसमें क्या दिक्कत है? हमने 200 साल पहले इतिहास नहीं लिखा."
छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक का जिक्र
उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, "अगर भाजपा इतिहास खंगालती रहेगी, तो लोग यह भी याद करेंगे कि छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक में किसी ने हाथ से तिलक नहीं किया. कहा जाता है कि उनके माथे पर बाएं पैर के अंगूठे से अभिषेक हुआ था. क्या भाजपा इसे आज निंदा करेगी?" गैलीलियो का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "गैलीलियो को सजा मिली थी कि पृथ्वी सूरज के चारों ओर घूमती है. सदियों बाद चर्च ने माफी मांगी. अगर भाजपा शिवाजी महाराज का सम्मान करती है, तो क्या वे इस बात की माफी मांगेंगे कि उनका अभिषेक बाएं पैर के अंगूठे से हुआ?"
भाजपा का पलटवार
भाजपा नेता अमित मालवीय ने इसे हिंदुओं का अपमान करार दिया. उन्होंने कहा, "तुष्टिकरण में लिप्त अखिलेश अपने सांसद रामजी लाल का समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने महान योद्धा राणा सांगा को गद्दार कहा. यह न सिर्फ राजपूत समुदाय, बल्कि पूरे हिंदू समुदाय का अपमान है."