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राम मंदिर के शिखर पर लगाया गया 42 फुट ऊंचा ध्वजस्तंभ, नृपेंद्र मिश्र ने बताया किस तारीख तक पूरा हो जाएगा निर्माण कार्य?

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंगलवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वजस्तंभ स्थापित किया. ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा, 'आज शिखर के ऊपर ध्वजदंड स्थापित किया गया है, जो वास्तव में एक प्रतीकात्मक घोषणा है कि शिखर पर काम अब पूरा हो गया है.

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Edited By: Garima Singh
Ram mandir
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Ram mandir: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंगलवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वजस्तंभ स्थापित किया. इस ऐतिहासिक कार्य की शुरुआत सुबह 6:30 बजे हुई और 8 बजे तक पूरी हो गई. हालांकि, मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की मूर्ति स्थापना, जो अक्षय तृतीया के दिन होनी थी, अब जून तक स्थगित कर दी गई है. 

ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा, 'आज शिखर के ऊपर ध्वजदंड स्थापित किया गया है, जो वास्तव में एक प्रतीकात्मक घोषणा है कि शिखर पर काम अब पूरा हो गया है. मंदिर का समग्र निर्माण अब लगभग पूरा हो चुका है.' उन्होंने बताया कि 99% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और 5 जून तक मंदिर पूरी तरह तैयार हो जाएगा. 

राम दरबार स्थापना में देरी

ट्रस्ट ने बताया, “अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर राम दरबार को पहली मंजिल पर गर्भगृह में औपचारिक रूप से स्थापित किया जाना था. लेकिन अब समारोह को अगले महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है.' मिश्र ने स्पष्ट किया, “पहली मंजिल पर राम दरबार की स्थापना 23 मई को होगी.  इसके बाद कुछ संबंधित धार्मिक समारोह होंगे.' 5 जून को भगवान राम को हमारी आस्था और रीति-रिवाजों के मुताबिक औपचारिक रूप से विराजमान किया जाएगा. मूर्तियों में खराबी के कारण यह स्थगन हुआ. 

राम दरबार की भव्य मूर्तियां

राम दरबार में भगवान राम, माता सीता, हनुमान, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की 4.5 फुट ऊंची संगमरमर की मूर्तियां स्थापित होंगी. ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि ये मूर्तियां राजस्थान के मकराना संगमरमर से तराशी गई हैं. पवित्रता बनाए रखने के लिए पहली मंजिल पर सीमित भक्तों को ही प्रवेश निलेगा. 

सात मंदिरों का निर्माण पूर्ण

मिश्र ने कहा, “ये सात मंदिर भी अब पूरे हो गए हैं। मंदिर परिसर में स्थित महर्षि वाल्मिकी, श्री वशिष्ठ जी, विश्वामित्र जी, अहिल्या जी, निषादराज महाराज, शबरी माता और अगस्त्य मुनि के मंदिर भी 5 जून के बाद जनता के लिए खोल दिए जाएंगे।”