संभल में 24 नवंबर को हुए दंगे के हर परत से उठेगा पर्दा? अदालत में आरोप पत्र दाखिल

संभल जिले में पिछले वर्ष 24 नवंबर को मस्जिद में किए गए सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा और दंगा मामले में पुलिस ने अपनी विवेचना पूरी कर ली है. इस मामले में अब अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है. इस दंगा मामले की जांच कई महीनों तक चली, जिसमें पुलिस ने घटनास्थल पर मौजूद सबूतों, सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर आरोपियों की पहचान की. इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत अब आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत कर दिया गया है.

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संभल जिले में बीते वर्ष 24 नवंबर को एक मस्जिद में किए गए सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर ली है. पुलिस ने इस दंगा प्रकरण में आरोप पत्र तैयार कर अदालत में प्रस्तुत कर दिया है.

 इस मामले में कई अभियुक्तों को चिह्नित किया गया है, जिन पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश हुआ चार्जशीट

इस मामले में कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने जिले के चंदौसी स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अर्चना सिंह की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) हरिओम प्रकाश सैनी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस चार्जशीट में दंगे में शामिल संदिग्धों के खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत कार्रवाई की सिफारिश की गई है.

क्या था पूरा मामला?

24 नवंबर 2024 को संभल जिले में एक मस्जिद में किए गए सर्वेक्षण के दौरान विवाद खड़ा हो गया. देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई और मामला हिंसक झड़प में तब्दील हो गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ, आगजनी की घटनाएं सामने आईं और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया.

दंगे में कौन-कौन थे शामिल?

  • पुलिस की जांच में सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर कई संदिग्धों की पहचान की गई.
  • गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के बाद दंगे के पीछे सुनियोजित साजिश की आशंका भी जताई गई.
  • कई अभियुक्तों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आगजनी, और पुलिसकर्मियों पर हमला करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

पुलिस की कार्रवाई और जांच प्रक्रिया

  • इस मामले की जांच कई महीनों तक चली, जिसमें पुलिस ने विभिन्न सबूतों को खंगालते हुए दंगाइयों की पहचान की.
  • सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन के जरिए पुलिस ने कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया.
  • पुलिस ने गवाहों के बयान दर्ज किए और विभिन्न साक्ष्यों को अदालत में प्रस्तुत किया.
  • कानूनी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए पुलिस ने वैज्ञानिक जांच रिपोर्ट और फॉरेंसिक सबूतों को भी चार्जशीट का हिस्सा बनाया.

अब आगे क्या?

अब यह मामला अदालत में सुनवाई के लिए जाएगा, जहां अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के तर्कों के आधार पर न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. पुलिस और अभियोजन पक्ष का कहना है कि मजबूत सबूतों के आधार पर दोषियों को सजा दिलाने की पूरी तैयारी की गई है.

संभल हिंसा मामले ने इलाके की कानून-व्यवस्था को चुनौती दी थी, लेकिन अब पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद कानूनी प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अब यह देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या निर्णय लेती है.