बेटे ने अगरबत्ती जलाकर मां की लाश के साथ गुजारे 5 दिन, गोरखपुर की दिल दहला देने वाली वारदात

अगले दिन सुबह सूरज की मां ने उसके लिए लंच तैयार किया और टिफिन बैग में रखा. इसके बाद उन्होंने सूरज से स्कूल जाने को कहा. पिछले दिन की डांट से गुस्से में भरे सूरज ने मां से बहस शुरू कर दी. बात इतनी बढ़ गई कि उसने अपनी मां को धक्का दे दिया. मां गिरकर जमीन पर सिर के बल लगीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

Sagar Bhardwaj

गोरखपुर में एक दिल दहला दहला देने वाली घटना सामने आई है. 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने गुस्से में आकर अपनी मां को धक्का दे दिया, जिससे उनकी मौत हो गई. इसके बाद बेटे ने मां की लाश को पांच दिनों तक स्टोर रूम में रखा और अगरबत्तियां जलाकर बदबू छिपाने की कोशिश करता रहा.

गलत संगत में पड़ गया था छात्र
यह मामला तब शुरू हुआ जब छात्र (बदला हुआ नाम सूरज) गलत संगत में पड़ गया था. वह स्कूल जाने का बहाना बनाकर बाहर तो निकलता, लेकिन स्कूल नहीं जाता था. उसकी मां को जब इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल से शिकायत की. प्रिंसिपल ने छात्र को डांट लगाई और स्कूल आने की सख्त हिदायत दी.

गुस्से में हुआ विवाद
अगले दिन सुबह सूरज की मां ने उसके लिए लंच तैयार किया और टिफिन बैग में रखा. इसके बाद उन्होंने सूरज से स्कूल जाने को कहा. पिछले दिन की डांट से गुस्से में भरे सूरज ने मां से बहस शुरू कर दी. बात इतनी बढ़ गई कि उसने अपनी मां को धक्का दे दिया. मां गिरकर जमीन पर सिर के बल लगीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

पांच दिनों तक लाश के साथ रहा
घटना के बाद सूरज घबरा गया. उसने अपनी मां की लाश को स्टोर रूम तक घसीटकर वहां रख दिया और स्कूल चला गया. अगले पांच दिनों तक वह अपनी मां की लाश के साथ घर में रहा. लाश से आने वाली बदबू को छिपाने के लिए वह अगरबत्तियां जलाता रहा.

पिता की गैर-मौजूदगी में हुआ हादसा
सूरज के पिता चेन्नई में नौकरी करते हैं और घटना के दौरान घर पर नहीं थे. जब उन्होंने अपनी पत्नी से कई दिनों तक संपर्क नहीं किया, तो उन्होंने एक रिश्तेदार को घर जाकर देखने को कहा. रिश्तेदार के वहां पहुंचने पर इस घटना का खुलासा हुआ.

पुलिस कर रही जांच
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. छात्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और यह एक बार फिर परिवार और समाज के बीच बेहतर संवाद की आवश्यकता को उजागर करता है.