menu-icon
India Daily

पकड़े गए नोएडा के 'लिटिल चोर', हर चोरी के बाद बदल लेते थे ठिकाना

उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने मोबाइल फोन चोरी करने वाले एक 'लिटिल गैंग' को पकड़ा है. इस गैंग की सबसे खास बात यह है कि इसके सभी मेंबर्स नाबालिग हैं.

auth-image
Edited By: Garima Singh
auth-image
Reported By: Santosh Pathak
noida
Courtesy: x

Noida News: उत्तर प्रदेश के नोएडा के पास स्थित भंगेल सब्जी मंडी से पुलिस ने मोबाइल फोन चोरी करने वाले एक 'लिटिल गैंग' को पकड़ा है. इस गैंग की सबसे खास बात यह है कि इसके सभी मेंबर्स नाबालिग हैं. इस 'लिटिल गैंग' के पकड़े गए दो मेंबर्स के पास से पुलिस ने अलग-अलग कंपनी के 30 कीमती मोबाइल फोन बरामद किए हैं. बता दें कि कस्टडी में लिए गए इन नाबालिगों से जब पुलिस ने पूछताछ की, तो उन्होंने अपने गैंग के अन्य तीन मेंबर्स के नाम का खुलासा किया. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें भी पकड़कर उनसे चोरी के अलग-अलग कंपनियों के 27 कीमती मोबाइल फोन बरामद किए.

जानकारी के मुताबिक, सभी नाबालिग शहर के भीड़-भाड़ वाले बाजारों, सब्जी व फलों की मंडियों व साप्ताहिक बाजारों में मौका पाकर लोगों के कीमती मोबाइल फोन चोरी करते थे. चोरी के मोबाइल फोन को सस्ते दामों पर बेच देते थे. पकड़े गए आरोपी नियमित रूप से लगने वाली मंडी तथा साप्ताहिक बाजार में आने वाले ग्राहकों, विशेषकर महिलाओं, को टारगेट करते थे.

भीड़-भाड़ वाले इलाकों को बनाते थे निशाना 

ये चोर ग्राहकों का ध्यान भंग होने का इंतजार करते थे. जैसे ही ग्राहकों से थोड़ी सी चूक होती थी, इनके गैंग मेंबर तुरंत मोबाइल लेकर गायब हो जाते थे. इस पूरे मामले पर पुलिस ने बताया कि यह सभी नाबालिग ग्रुप में काम करते थे. मोबाइल चुरा लेने के बाद अपने दूसरे साथी को मोबाइल पकड़ाते थे. जब अधिक मात्रा में मोबाइल इकट्ठा हो जाते थे, तब ये उस इलाके से दूर जाकर उन्हें औने-पौने दाम में बेच देते थे.

दूर के दुकानों पर बेच देते थे मोबाइल फोन 

ये सभी 'गैंग मेंबर्स' जिस शहर में जाते, वहां मकान मालिक को कोई झूठी कहानी सुनाकर टोकन मनी देकर किराए का कमरा ले लेते हैं और ठेले आदि पर खाना कहते थे. इस तरह वे किसी शहर में अपना गुजारा करते थे. पकड़े जाने के डर से ये सभी कभी भी एक जगह न रहकर निरंतर अपना ठिकाना बदलते रहते थे. भारी मात्रा में मोबाइल फोन चोरी कर लेने के बाद 3 से 4 दिन में ट्रेन के जरिए चोरी के मोबाइल बेचने के लिए दूसरे स्थानों पर चले जाते थे. इनका कोई निश्चित ग्राहक नहीं होता था, बल्कि यह मोल-तोल करके जहां भी इनको अधिक दाम मिलता है, वहीं चोरी किए हुए मोबाइल बेच देते थे.