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Rajasthan Weather Update: राजस्‍थान में गर्मी के तेवर, जयपुर, कोटा, बाड़मेर समेत इन शहरों का क्या है हाल?

राजस्थान में मौसम शुष्क रहेगा. बीते 24 घंटों में श्रीगंगानगर और धौलपुर में अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.6 डिग्री अधिक है. तापमान में कोई बदलाव की संभावना नहीं है.

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Edited By: Anvi Shukla
Rajasthan Weather Update
Courtesy: social media

Rajasthan Weather Update: राजस्थान में आज कल भीषण गर्मी का कहर जारी है. अधिकतम और कम से कम तापमान में 1 से 2 डिग्री की वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, अगले तीन दिनों में गर्मी में थोड़ी राहत मिल सकती है. मौसम विभाग का कहना है कि वर्तमान में अधिकतर शहरों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है, जबकि कुछ शहरों में यह 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा है.  

राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बाड़मेर में अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 41.2 डिग्री सेल्सियस और कोटा में 41.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. वहीं, जयपुर में गर्मी से लोग बेहाल हैं. यहां दिन के समय तापमान में खासा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.  

जयपुर में गर्मी का कहर

जयपुर में गर्मी के कारण लोग परेशान हैं. पिछले कुछ दिनों में रात के तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखा गया है. इस समय जयपुर में रात का तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे अधिक तापमान है. इसके साथ ही पाली में बीते 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में 7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई.

तापमान में गिरावट की संभावना

हालांकि, अगले कुछ दिनों में तापमान में 1 से 2 डिग्री की गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है. कोटा, बारा, जैसलमेर और फलोदी जैसे शहरों में तापमान में गिरावट देखी गई है. जयपुर, सीकर और दौसा सहित अन्य शहरों में भी धूप की तीव्रता कम रही. वहीं पर 17 शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से कम रहा. 21 और 22 अप्रैल को भी गर्मी से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.  

स्कूलों के समय में बदलाव

गर्मियों के कारण जयपुर में जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने आदेश जारी किया कि कक्षा 8वीं तक के निजी और सरकारी स्कूलों का समय सुबह 7:30 बजे से 11:30 बजे तक कर दिया है. वहीं, कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों और शिक्षकों का समय पहले जैसा ही रहेगा. यह कदम छात्रों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.