राजस्थान के जयपुर में साल 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में स्पेशल कोर्ट ने आज मंगलवार (8 अप्रैल) को 71 बेगुनाहों को इंसाफ दिलाया. जहां स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार (8 अप्रैल) को 2008 के सीरियल बम धमाकों के चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. गौरतलब है कि, 13 मई 2008 को पिंक सिटी के नाम से मशहूर जयपुर में एक के बाद आठ बम ब्लास्ट हुए थे. वहीं, इस ब्लास्ट में 71 लोगों की जान चली गई थी. जबकि, 180 लोग घायल हुए थे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सागर तिवारी ने इस सजा की पुष्टि करते हुए कहा, "कोर्ट ने मोहम्मद सरवर, सैफुर रहमान, सैफ और शाहबाज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्ति को प्रभावित नहीं करती, बल्कि यह राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता पर हमला है.
VIDEO| A Jaipur special court on Tuesday sentenced four convicts to life imprisonment in connection with the 2008 Jaipur serial bomb blasts case.
Special Public Prosecutor Sagar Tiwari says, “Court has pronounced life imprisonment to all four accused Mohd Sarwar, Saifur Rehman,… pic.twitter.com/DLqNP6Hfp5
— Press Trust of India (@PTI_News) April 8, 2025
जानिए अपने फैसले के दौरान कोर्ट ने क्या कहा?
दरअसल, कोर्ट ने यह भी कहा कि बचाव पक्ष ने पहले ही संबंधित मामलों में सजा काटने को ध्यान में रखते हुए सजा कम करने की मांग की थी. सागर तिवारी ने बताया, "दूसरी ओर ने यह मांग की थी कि पुराने मामलों में दी गई सजा को अब काउंट में लिया जाए, लेकिन हमने कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में सूचित किया कि ऐसे मामलों में 'सेट ऑफ' की प्रक्रिया लागू नहीं होती.
17 साल बाद आया स्पेशल कोर्ट का फैसला
बता दें कि, यह फैसला 2008 के सीरियल बम धमाकों के 17 साल बाद आया है, जिनकी वजह से पूरे देश में हंगामा मचा था और मामले की जांच के लिए एक हाई-प्रोफाइल जांच शुरू की गई थी. इस मामले में सैफुर रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सरवर अज़मी को दिसंबर 2019 में मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, राजस्थान हाई कोर्ट ने मार्च 2023 में इस फैसले को पलट दिया. इसके बाद राज्य सरकार और धमाकों में मारे गए लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील दायर की, जो अभी भी विचाराधीन है.
हालांकि, सैफ-उर-रहमान और मोहम्मद सैफ पहले से ही जयपुर केंद्रीय जेल में एक जिंदा बम मामले में बंद थे, जबकि सरवर अज़मी जमानत पर बाहर था. इसके अलावा शाहबाज अहमद, जो अब जिंदा बम मामले में दोषी ठहराए गए हैं, पहले मुख्य धमाकों के मामले में ट्रायल कोर्ट से बरी हो गए थे.