Kota Medical College News: राजस्थान के कोटा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने घायल व्यक्ति की जगह उसके पिता का ऑपरेशन कर दिया. घायल व्यक्ति का नाम मनीष है जो दुर्घटना में घायल हो गया था. उसके बाद घायल हालत में मनीष को स्पताल लाया गया और शनिवार को उसकी सर्जरी होनी थी.
रिपोर्ट के अनुसार, उसने अपने लकवाग्रस्त पिता को भी अस्पताल बुलाया क्योंकि घर में उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था. मनीष ने बताया कि वह ऑपरेशन थियेटर के अंदर था और उसके पिता बाहर इंतजार कर रहे थे. हालांकि, जब वह बाहर आया तो उसने अपने पिता के शरीर पर टांके लगे हुए देखे.
मरीज ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'शनिवार को मेरा ऑपरेशन होना था, इसलिए मैंने अपने पिता को ऑपरेशन थियेटर के बाहर बैठकर इंतजार करने को कहा. मुझे उस डॉक्टर का नाम याद नहीं है जिसने मेरा ऑपरेशन किया था. मैं भी इस हालत में पड़ा हुआ हूं. मैं क्या कर सकता हूं?'
कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की प्रिंसिपल डॉ. संगीता सक्सेना ने घटना को गंभीरता से लिया और मामले की जांच के आदेश दिए. उन्हेंने कहा, 'मैंने अधीक्षक से एक समिति गठित करने और 2-3 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. उन्होंने तीन सदस्यीय समिति गठित की है... वे जांच करेंगे और बताएंगे कि क्या हुआ.'
#WATCH | Rajasthan: Principal, Kota Medical College Hospital, Dr. Sangeeta Saxena, says, "... I have asked the superintendent to form a committee and submit a report within 2-3 days. They have formed a three-member committee... They will inquire and inform what happened..."… pic.twitter.com/p3SFK9rZRz
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 17, 2025
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह गलत पहचान का मामला था. जगदीश नाम के एक मरीज को कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में डायलिसिस फिस्टुला की सर्जरी करवानी थी. मनीष के पिता का नाम भी जगदीश है. जब ओटी स्टाफ ने जगदीश का नाम पुकारा तो मरीज ऑटो में था. मनीष के पिता ने अपना हाथ उठाया और उन्हें बिना उनकी पहचान सत्यापित किए ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया.
गौरतलब है कि मनीष के पिता पिछले 10 सालों से लकवाग्रस्त हैं. इस वजह से वे अपनी पहचान बता पाए. डॉक्टरों ने मनीष के पिता को एनेस्थीसिया दिया. हालांकि, सर्जरी की शुरुआती प्रक्रिया के बाद डॉक्टरों को लगा कि कुछ गड़बड़ है, जिसके बाद उन्होंने टांके लगाए और जगदीश को मनीष के वार्ड के पास छोड़ दिया.