राजस्थान हाई कोर्ट ने बलात्कार के मामले में दोषी आसाराम की जमानत को 30 जून तक बढ़ा दिया है. दरअसल, यह फैसला सोमवार (7 अप्रैल) को हाई कोर्ट द्वारा सुनाया गया, जब आसाराम के वकील ने अदालत में उसकी जमानत बढ़ाने की याचिका पेश की थी. कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले, बीते मंगलवार को अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने पर आसाराम ने दोपहर में जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर किया था. हालांकि, जेल में करीब 10 घंटे बिताने के बाद रात 11:30 बजे उन्हें पाली रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल 'आरोग्यम' में एडमिट कराया गया. बताया जा रहा है कि तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था.
सजा और जमानत की क्या है स्थिति
रेप के मामले में दोषी आसाराम को साल 2018 में जोधपुर की सेंट्रल जेल से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, उन्हें जमानत पर रिहाई मिली थी, जो अब तक कई बार बढ़ाई जा चुकी है. वर्तमान में, उनकी जमानत की अवधि 30 जून तक बढ़ाई गई है, और इसके बाद अदालत में पुनः इस पर सुनवाई की जाएगी.
आसाराम के खिलाफ चल रहा था रेप का मामला
आसाराम, जो एक प्रसिद्ध धार्मिक गुरु और ‘गोडमैन’ के नाम से भी जाने जाते थे, लेकिन उन पर 2013 में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप करने का आरोप लगा था. बता दें कि, यह मामला जोधपुर के पास स्थित उनके आश्रम में हुआ था, और लड़की ने आसाराम पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने उसके साथ शारीरिक शोषण किया.
कोर्ट ने मांगा एफिडेविट
रेप मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई. इस दौरान पीड़िता के वकील ने कोर्ट को बताया कि आसाराम इससे पहले भी कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन कर चुके हैं, ऐसे में उनकी अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाना सही नहीं रहेगा. इस पर कोर्ट ने जब आसाराम के वकील से पूछा कि क्या उन्होंने प्रवचन देकर सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का उल्लंघन किया है? इसके बाद कोर्ट ने इस पर दोनों पक्षों से शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. वहीं, इस याचिका पर सुनवाई जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने की.