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सुखबीर सिंह बादल फिर बने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष, अमृतसर में हुई बैठक में लगी मोहर

अमृतसर में हुई बैठक में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर भरोसा जताया. पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में नेतृत्व के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई और सभी ने एकमत होकर सुखबीर को फिर से कमान सौंपने का फैसला किया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
sukhbir singh badal
Courtesy: Social Media

पंजाब में अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही शिरोमणि अकाली दल शनिवार को अपने नए पार्टी अध्यक्ष और पदाधिकारियों का चुनाव किया. बैठक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति  मुख्यालय में हो रही है. यह चुनाव सुखबीर सिंह बादल के पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद हुआ. सुखबीर सिंह बादल एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल का अध्यक्ष चुने गए हैं. 

कार्यवाही में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता एसजीपीसी कार्यालय पहुंचे. एसजीपीसी सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने इस आयोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि पंजाब के सभी 117 विधानसभा क्षेत्रों से 500 प्रतिनिधि वोट डालने के लिए उपस्थित हुए. उन्होंने कहा कि यह चुनाव परंपरा के अनुसार एसजीपीसी के प्रशासनिक केंद्र, ऐतिहासिक तेजा सिंह समुंद्री हॉल में हो रहा है.

अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था

सुखबीर सिंह बादल ने पिछले साल 16 नवंबर, 2024 को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया था. हालांकि, पार्टी की वर्किंग कमेटी ने इस इस्तीफे को तुरंत स्वीकार नहीं किया और लंबी चर्चा के बाद जनवरी 2025 में इसे मंजूरी दी गई. इसके बाद नए अध्यक्ष के चयन को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं, लेकिन अब सुखबीर बादल की वापसी ने इन सभी कयासों पर विराम लगा दिया है.

सर्वसम्मति से चुने गए सुखबीर

अमृतसर में हुई बैठक में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर भरोसा जताया. पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में नेतृत्व के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई और सभी ने एकमत होकर सुखबीर को फिर से कमान सौंपने का फैसला किया. माना जा रहा है कि यह कदम पार्टी को एकजुट करने और आगामी राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए उठाया गया है.

शिरोमणि अकाली दल ने कुल 567 प्रतिनिधियों का चयन किया है जो नए पार्टी प्रमुख के लिए अपना वोट देंगे. इस बीच, शिरोमणि अकाली दल के पास 105 साल पुरानी विरासत है. इसकी स्थापना 14 दिसंबर, 1920 को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से सिख समुदाय की धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक आवाज़ बनने के उद्देश्य से की गई थी.