MP Amritpal Singh Detention: खडूर साहिब के सांसद और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह की नजरबंदी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है. उन्हें 2023 में पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और तब से वह असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद हैं. उनके खिलाफ दो साल की नजरबंदी अवधि 23 अप्रैल को समाप्त होने वाली है.
सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह की नजरबंदी को बढ़ाने का निर्णय केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच उच्च-स्तरीय विचार-विमर्श के बाद लिया गया. यह कदम खासकर सीमा क्षेत्र की संवेदनशीलता और राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर उठाया गया है. इसके तहत अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल में ही रखा जाएगा. हालांकि, अमृतपाल के नौ सहयोगी, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था, उनकी नजरबंदी को बढ़ाने का फैसला नहीं लिया गया. इनमें से दो सहयोगी 18 अप्रैल, 2023 को मोहाली में पंजाब और दिल्ली पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में गिरफ्तार हुए थे.
पंजाब सरकार अमृतपाल सिंह को राज्य में वापस नहीं देखना चाहती. हालांकि, यह निर्णय गृह मंत्रालय (MHA) से परामर्श के बाद लिया जाएगा. अगर अमृतपाल की नजरबंदी बढ़ाई नहीं जाती, तो उनके खिलाफ अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
अमृतपाल पर पहले ही UAPA के तहत एक हत्या के मामले में कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें वारिस पंजाब दे संगठन के पूर्व वित्त सचिव गुरप्रीत सिंह हरिनोव की हत्या का आरोप है. यह घटना जनवरी 2024 में हुई थी.
अमृतपाल की नजरबंदी पहले 12 महीने के लिए बढ़ाई गई थी, जो 23 अप्रैल 2024 से प्रभावी हुई थी और 22 अप्रैल 2025 तक जारी रहने की संभावना थी. एक सलाहकार बोर्ड ने रिपोर्ट किया था कि डिब्रूगढ़ जेल में रहते हुए भी अमृतपाल सिंह 'उत्तेजक और अलगाववादी गतिविधियों' में संलिप्त रहा, जो राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर रहा है.
इसके अलावा, फरवरी 2024 में जेल में से कुछ अवैध इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए थे, जिनका इस्तेमाल अमृतपाल सिंह अपने सहयोगियों से संपर्क बनाए रखने के लिए करता था. इसके बाद यह भी सामने आया कि जेल के अधीक्षक ने इन उपकरणों की आपूर्ति करने में मदद की थी.