Christian Missionary Hospital Case: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की एक टीम आज दमोह का दौरा करेगी. यह टीम ईसाई मिशनरी अस्पताल मामले की चल रही जांच की समीक्षा करेगी. इस मामले में एक कथित फर्जी डॉक्टर ने एक दर्जन से अधिक मरीजों की हृदय सर्जरी की थी, जिनमें से सात की मौत हो गई थी.
यह मामला डेढ़ महीने पहले दमोह जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता दीपक तिवारी की शिकायत के बाद सामने आया था. तिवारी ने आरोप लगाया था कि नरेंद्र यादव नाम का एक व्यक्ति, यूके के एक असली डॉक्टर डॉ. एन जॉन केम की झूठी पहचान बताकर खुद को हृदय रोग विशेषज्ञ बता रहा था और अस्पताल में सर्जरी कर रहा था.
शिकायत के बाद, जिला प्रशासन द्वारा एक जांच समिति गठित की गई थी. हालांकि, आरोपों की गंभीरता के बावजूद, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. माना जा रहा है कि अस्पताल के प्रमुख डॉ. अजय लाल और आरोपी नरेंद्र यादव दोनों देश छोड़कर भाग गए हैं.
अधिवक्ता तिवारी ने कहा कि डॉ. लाल और यादव अस्पताल प्रबंधन के साथ लगातार ऑनलाइन संपर्क में थे - डॉ. लाल रात में और 'डॉ. जॉन' दिन में. उन्होंने कहा, 'जैसे ही मैंने शिकायत दर्ज कराई, डॉ. जॉन विदेश भाग गया.' शुरुआती संदेह तब हुआ जब फरवरी में एक मरीज ने शिकायत की कि डॉक्टर सही निदान करने में सक्षम नहीं है. गहरी पूछताछ करने पर आरोपी गायब हो गया. तिवारी ने दावा किया कि आधिकारिक दस्तावेजों से पुष्टि हुई है कि यादव डॉ. केम के रूप में प्रतिरूपण कर रहा था, और समिति की जांच में अब तक सात मौतों को कथित नकली उपचार से जोड़ा गया है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मुकेश जैन ने पुष्टि की कि जांच अभी भी जारी है. उन्होंने फ्री प्रेस को बताया, 'कलेक्टर सुधीर कोचर की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक हो रही है. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है क्योंकि आरोपी एक महीने से अधिक समय पहले भाग गया था.' NHRC टीम का दौरा इस गंभीर मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. पीड़ितों के परिवार न्याय की उम्मीद कर रहे हैं.