Peon checked university exam copy: MP के नर्मदापुरम से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां जिले के पिपरिया में स्थित शहीद भगत सिंह शासकीय पीजी यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर के बीमार होने की वजह से एग्जाम कॉपियों की जांच का जिम्मा चपरासी के कंधों पर डाल दिया गया.
शहीद भगत सिंह शासकीय पीजी यूनिवर्सिटी में हुए इस घोटाले ने सबको चौंका दिया है. जानकारी के मुताबिक, कॉपियों की जांच के लिए नियुक्त चपरासी को महज 5000 रुपये दिए गए. यह निर्णय उस समय लिया गया जब एक प्रोफेसर बिमारी के चलते कार्य करने में असमर्थ थीं. छात्रों का भविष्य दांव पर होने के बावजूद, इतने महत्वपूर्ण कार्य के लिए अयोग्य व्यक्ति की नियुक्ति ने शिक्षा विभाग के फैसले पर सवालिया निशान लगा दिया.
प्रोफेसर की गैरहाजिरी में चपरासी ने जांच दी कॉपी, 5000 रुपये भी कमाए. pic.twitter.com/sP2m5fvVtz
— GARIMA SINGH (@azad_garima) April 8, 2025
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ सनसनीखेज वीडियो
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद यूनिवर्सिटी परिसर में हड़कंप मच गया. वीडियो में साफ दिखाई देता है कि एक चपरासी अकेले ही परीक्षा कॉपियों की जांच कर रहा है. प्रोफेसर की गैरहाजिरी में लिया गया यह फैसला अब चर्चा का विषय बन गया है.
उच्च शिक्षा विभाग ने उठाया सख्त कदम
घटना के उजागर होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई की. जांच के आदेश जारी किए गए और संबंधित प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया. विभाग अब इस बात की पड़ताल कर रहा है कि यह निर्णय छात्रहित में था या प्रशासनिक गलती का नतीजा. अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है.
प्रशासनिक व्यवस्था पर सवालों का साया
इस पूरे प्रकरण ने यूनिवर्सिटी की प्रशासनिक प्रक्रिया को कठघरे में खड़ा कर दिया है. लोगों का मानना है कि इस तरह के लापरवाह फैसले उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ की यह घटना समाज में चिंता का कारण बन गई है.