मध्य प्रदेश के दमोह जिले से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. जहां एक फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एन जॉन कैम उर्फ डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने 7 लोगों की हार्ट सर्जरी कर जान ले ली. जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया था. उसने अपने 2 महीनें के कार्यकाल के दौरान दमोह के मिशन अस्पताल में लगभग 70 रोगियों की जांच की और 13 सर्जरी की. बता दें कि, आरोपी के कांड का खुलासा होते ही पुलिस ने फर्जी डॉक्टर को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से गिरफ्तार किया था.
मिशन अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक, एन जॉन कैम को भोपाल स्थित एक एजेंसी के माध्यम से भर्ती किया गया था. जहां पर वह प्रति महीने 8 लाख रुपये की भारी भरकम सैलरी पर काम कर रहे थे. इस मामले में एसपी शृत कीर्ति सोमवंशी ने कहा कि पुलिस देशभर के उन अस्पतालों से संपर्क कर रही है, जहां कैम ने पहले काम किया था. यह कदम उनके धोखाधड़ी के कृत्यों का आकलन करने के लिए उठाया गया है.
नकली रजिस्ट्रेशन और गलत दस्तावेज़
इतना ही नहीं, कैम द्वारा मिशन अस्पताल में जमा किए गए दस्तावेजों में जरूरी रजिस्ट्रेशन विवरण की कमी पाई गई. मध्य प्रदेश सरकार के नियमों के अनुसार, किसी भी डॉक्टर को उचित पंजीकरण के बिना मेडिकल का काम करने की अनुमति नहीं है. लेकिन अस्पताल ने कैम के मेडिकल प्रमाण पत्र के संबंध में कोई वैध दस्तावेज़ पेश नहीं किया, जिससे भर्ती प्रक्रिया और संस्थान की निगरानी पर सवाल उठ खड़े हुए हैं.
नकली मेडिकल रजिस्ट्रेशन की जांच हुई शुरू
हालांकि, जांच में यह भी सामने आया कि कैम द्वारा दिए गए मेडिकल पंजीकरण नंबर, जिसे आंध्र प्रदेश मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी किया गया बताया गया था, वह अवैध था. अधिकारियों ने काउंसिल के आधिकारिक ऑनलाइन डेटाबेस में न तो उनका नाम और न ही रजिस्ट्रेशन नंबर पाया, जिससे उनके चिकित्सा योग्यताओं को लेकर संदेह और बढ़ गया है.
पुलिस कार्रवाई और आरोप
एन जॉन कैम को सोमवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया. बताया जा रहा था कि वह 12 फरवरी से न केवल अस्पताल से गायब थे, बल्कि उनके अस्थायी आवास से भी उनका कोई पता नहीं था. इस मामले ने लोगों में काफी आक्रोश पैदा कर दिया है और प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थानों की भर्ती प्रक्रियाओं में संभावित खामियों को उजागर किया है.
जानें फर्जी डॉक्टर एन जॉन कैम पर क्या धाराएं हुई दर्ज!
हालांकि, पुलिस की जांच-पड़ताल के बाद एन जॉन कैम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिनमें धारा 318(4) – मानव जीवन को खतरे में डालना, धारा 338 – गंभीर चोट पहुंचाना, धारा 336(3) – दूसरों की जान या सुरक्षा को खतरे में डालना, धारा 340(2) – धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज़ बनाना, धारा 3(5) – धोखाधड़ी देना और धारा 24 – एमपी मेडिकल काउंसिल एक्ट, 1987 का उल्लंघन जैसी संगीन धाराओं को शामिल किया गया है.