menu-icon
India Daily

CRPF Raising Day: नक्सलवाद खात्मे की CRPF ने दिखाई तैयारी, गृहमंत्री अमित शाह बोले – ‘देश की सुरक्षा में उनका योगदान अमूल्य’

केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा परेड की सलामी ली गई जिसमें सीआरपीएफ की आठ टुकड़ियों ने हिस्सा लिया. उन्होंने वीरता पदकों के लिए चयनित जवानों को सम्मानित किया और सराहनीय व विशिष्ट सेवा के लिए अन्य कर्मियों को भी पुरस्कृत किया.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
Courtesy: Social Media

केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अपनी 86वीं स्थापना दिवस परेड का आयोजन गुरुवार (17 अप्रैल) को मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक नीमच ग्रुप सेंटर में अत्यंत गर्व और गरिमा के साथ किया. यह वही भूमि है जहां 1939 में बल की नींव रखी गई थी, और आज एक बार फिर यह स्थल सीआरपीएफ के अद्वितीय साहस, सेवा और समर्पण की गवाही बना.

गृह मंत्री अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि और ली परेड की सलामी

इस विशेष अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान सीआरपीएफ के महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने उनका आत्मीय स्वागत किया. वहीं, परेड से पहले, अमित शाह ने शहीद स्थल पर माल्यार्पण कर देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी.

जहां CRPF है, वहां चिंता की कोई बात नहीं-  अमित शाह

अपने संबोधन में गृह मंत्री ने सीआरपीएफ के अदम्य साहस, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता की सराहना करते हुए कहा, “जहां सीआरपीएफ है, वहां चिंता की कोई बात नहीं. उन्होंने आतंकवाद-रोधी अभियानों, उग्रवाद नियंत्रण, चुनावों की सुरक्षा और प्राकृतिक आपदाओं के समय बल की भूमिका को राष्ट्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया.

परेड में दिखा अनुशासन और पराक्रम का अद्वितीय संगम

अमित शाह ने सीआरपीएफ की परेड की सलामी ली, जिसमें बल की आठ टुकड़ियों ने हिस्सा लिया. इस समारोह में वीरता पदक और विशिष्ट सेवा सम्मान से जवानों को नवाज़ा गया. विशेष यूनिटों जिसमें कोबरा कमांडो, रैपिड एक्शन फोर्स (RAF), वैली क्यूएटी और डॉग स्क्वॉड—द्वारा किए गए प्रदर्शन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

नीमच में आयोजन का क्यों है विशेष महत्व!

सीआरपीएफ दिवस सामान्यतः 19 मार्च को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1950 में सरदार वल्लभभाई पटेल ने बल को आधिकारिक ध्वज प्रदान किया था. परंतु इस वर्ष 17 अप्रैल को नीमच में आयोजन का विशेष महत्व था. यहीं 27 जुलाई 1939 को ब्रिटिश राज में ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ का गठन हुआ था, जिसे स्वतंत्रता के बाद 28 दिसंबर 1949 को सीआरपीएफ का नाम मिला.

देश की आंतरिक सुरक्षा का अभेद्य प्रहरी

आज सीआरपीएफ न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा का सबसे बड़ा बल है, बल्कि यह “सेवा और निष्ठा” के अपने मूलमंत्र के साथ हर मोर्चे पर राष्ट्र की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है.