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India Daily

Kuno National Park: चीता निर्वा ने रच दिया इतिहास, 5 शावकों को जन्म दिया; CM मोहन यादव ने दिखाई पहली झलक

यह चीता परियोजना भारत में वन्यजीवों के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है. कुनो नेशनल पार्क में चीता की संख्या में लगातार वृद्धि इस बात का संकेत है कि भारत में वन्यजीवों के संरक्षण में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं.

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Edited By: Anvi Shukla
Kuno National Park Cheetah
Courtesy: social media

Kuno National Park Cheetah: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को खुशखबरी दी कि कुनो नेशनल पार्क में चीता निरवा ने पांच शावकों को जन्म दिया है. इसके साथ ही कुनो में चीता और शावकों की कुल संख्या बढ़कर 29 हो गई है. इससे पहले, इस महीने की शुरुआत में दो चीते कुनो से गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित कर दिए गए थे. अब देशभर में चीता और उनके शावकों की कुल संख्या 31 हो गई है.

यादव ने रविवार रात को X (पूर्व में ट्विटर) पर इस खबर को साझा करते हुए लिखा, 'यह बहुत खुशी की बात है कि कुनो नेशनल पार्क में चीते की संख्या लगातार बढ़ रही है. हाल ही में 5 साल की निरवा ने पांच शावकों को जन्म दिया है. इन शावकों का आना चीता प्रोजेक्ट की सफलता और भारत की समृद्ध जैव विविधता का प्रतीक है.'

उन्होंने इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में हुए पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को दिया. यादव ने कुनो के पूरे टीम, वन्यजीव विशेषज्ञों और अन्य सभी लोगों को बधाई दी और इसे 'ऐतिहासिक उपलब्धि' बताया.

भारत में चीता परियोजना का इतिहास

भारत में चीते की वापसी की प्रक्रिया 20 अप्रैल को एक और महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंची. इस दिन, कुनो से लाए गए दो दक्षिण अफ्रीकी चीते, प्रभाष और पावक, को गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ दिया गया. नीमच और मंदसौर जिलों में स्थित है गांधी सागर अभयारण्य, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध.

कुनो नेशनल पार्क में नया घर बनाने आए थे नामीबिया से आठ चीते, 17 सितंबर 2022 को शुरू हुआ था चीतों का भारत सफर. यह दुनिया का पहला अंतरमहाद्वीपीय ट्रांसलोकेशन था. इसके बाद, फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते भारत लाए गए थे.

कुनो का चीता परिवार

निरवा के शावकों के जन्म से पहले कुनो नेशनल पार्क में कुल 24 चीते थे, जिनमें 14 भारतीय जन्मे शावक शामिल थे. हाल ही में दो चीते गांधी सागर भेजे गए थे, जिससे कुनो में चीता की संख्या पहले से ही घट चुकी थी. अब इस नए जन्म के साथ कुनो का चीता परिवार और भी बड़ा हो गया है.