DK Shivakumar: कर्नाटक में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके उपमुख्यमंत्री DK शिवकुमार के बीच नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें बढ़ गई हैं. CM सिद्धारमैया ने पहली बार इस बात का खुलासा किया कि उनके और शिवकुमार के बीच एक पावर-शेयरिंग डील है, जिसका अंतिम निर्णय कांग्रेस के उच्च कमान के हाथ में होगा. यह बयान सिद्धारमैया के पिछले बयानों से बिल्कुल अलग है, जब उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा करने की बात कही थी और शिवकुमार के साथ पावर-शेयरिंग की संभावना को नकारा था.
2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद एक 50:50 पावर-शेयरिंग डील की चर्चा सामने आई थी. शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इस मसले पर हस्तक्षेप किया और एक 30 महीने का पावर-शेयरिंग प्रस्ताव दिया. सिद्धारमैया अगले कुछ महीनों में मुख्यमंत्री के रूप में 30 महीने का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं, और इस बीच शिवकुमार के समर्थक यह उम्मीद जता रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
सिद्धारमैया ने हाल ही में इस विवाद पर बयान दिया कि दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच तनाव बना हुआ है, लेकिन अंतिम निर्णय कांग्रेस हाई कमान ही लेगा. सिद्धारमैया के अनुसार, पार्टी के उच्च नेतृत्व के फैसले के अनुसार ही आगे की राजनीति तय होगी. इस बयान से यह साफ होता है कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस के अंदर अभी भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है.
बीजेपी ने कर्नाटक सरकार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए आवंटित फंड्स के दुरुपयोग का आरोप लगाया है. बीजेपी के राज्य अध्यक्ष BY विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार पर इन समुदायों के लिए काम न करने का आरोप लगाया था. हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा इन समुदायों की भलाई के लिए काम किया है. उन्होंने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने SC/ST समुदायों के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई हैं.