Bengaluru Airport Dispute: बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने अपने साइनबोर्ड्स से हिंदी भाषा को हटाकर सिर्फ कन्नड़ और अंग्रेज़ी को बरकरार रखा है. इस बदलाव का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर वायरल हो गया है, जिसे अब तक 2 मिलियन से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. इससे देशभर में भाषा समावेशिता और क्षेत्रीय पहचान को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है.
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Hindi is removed in digital display boards of Kempegowda International airport in Bengaluru.
— ಚಯ್ತನ್ಯ ಗವ್ಡ (@Ellarakannada) April 12, 2025
Kannada & English.#Kannadigas are resisting Hindi imposition.
This is a really good development ! #StopHindiImposition#TwoLanguagePolicypic.twitter.com/Ll98yTOdbU
कुछ ने बताया क्षेत्रीय गर्व, तो कुछ ने जताई नाराजगी
एक ओर जहां कन्नड़ समर्थकों ने इस फैसले को 'स्थानीय भाषा को सम्मान देने' वाला कदम बताया, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने इसे हिंदी बोलने वालों के साथ भेदभाव और 'भाषाई बहिष्कार' करार दिया. एक यूजर ने लिखा, ''आखिरकार, कन्नड़ को उसका हक मिला.'' वहीं किसी और ने पूछा, ''क्या बेंगलुरु सिर्फ कन्नड़ और अंग्रेजी जानने वालों के लिए है?''
Hindi is removed in digital display boards of Kempegowda International airport in Bengaluru.
— ಚಯ್ತನ್ಯ ಗವ್ಡ (@Ellarakannada) April 12, 2025
Kannada & English.#Kannadigas are resisting Hindi imposition.
This is a really good development ! #StopHindiImposition#TwoLanguagePolicypic.twitter.com/Ll98yTOdbU
अंतरराष्ट्रीय मानकों की भी उठी बात
बता दें कि कुछ नेटिजन्स ने वैश्विक उदाहरण देते हुए कहा, ''दुबई के क्राउन प्रिंस तक हिंदी में ट्वीट करते हैं, लेकिन हम अपने ही देश में हिंदी को दरकिनार कर रहे हैं.'' एक और यूजर ने लिखा, ''मैं हिंदी थोपने के खिलाफ हूं, लेकिन एयरपोर्ट जैसे सार्वजनिक स्थलों से इसे हटाना समझदारी नहीं है.''
अधिकारियों की चुप्पी से और बढ़ा विवाद
हालांकि, एयरपोर्ट प्रशासन ने अब तक इस बदलाव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. चुप्पी ने चर्चा को और गर्म कर दिया है और लोग इस पर पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं.