Bengaluru Viral Video: बेंगलुरु से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिसमें बताया जा रहा है कि एक एक फूड डिलीवरी एग्जीक्यूटिव को कन्नड़ बोलने के कारण रेस्टोरेंट के कर्मचारियों ने जबरदस्त पिटाई कर दी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शहर में भाषा को लेकर तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया है. वहीं घटना ने लोगों में आक्रोश भी पैदा कर दिया है. एक ओर लोगों का कहना है कि राज्य में रहने वाले लोगों को राजकीय भाषा आने चाहिए. वहीं दूसरे तरफ के लोगों का कहना है कि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि डिलीवरी एग्जीक्यूटिव और रेस्टोरेंट के एक कर्मचारी के बीच तेज बहस हो रही है. हालांकि उनकी बातचीत का ज़्यादातर हिस्सा अस्पष्ट है, लेकिन डिलीवरी एग्जीक्यूटिव का एक बयान को गौर से सुना जाए तो उसमें यह कहा जा रहा है कि मैं कुछ नहीं कह रहा हूं, मैं कन्नड़ में बात कर रहा हूं.इसके बाद दोनों के बीच की झड़प और भी ज्यादा हिंसक हो जाती है. जिसमें कर्मचारी एग्जीक्यूटिव पर मुक्का, लात मारी बरसाते नजर आ रहा है. इतना ही नहीं देखते ही देखते यह बहस इतनी बढ़ जाती है कि उसे रेस्टोरेंट के फर्श पर घसीटा जाता है.
वायरल हो रहे इस वीडियो पर कई लोगों ने विरोध जताया है. कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि कन्नड़ में बात करने वाले डिलीवरी एग्जीक्यूटिव पर गैर-कन्नड़ भाषी कर्मचारियों ने हमला किया. इस स्थिति ने शहर में बढ़ती भाषाई खाई पर गरमागरम बहस छेड़ दी है. लोगों के एक वर्ग ने स्थानीय संस्कृति का अनादर करने वाले व्यवसायों के खिलाफ़ सख्त कदम उठाने की मांग की है. उनका तर्क है कि ऐसे प्रतिष्ठानों को दंडित किया जाना चाहिए. एक टिप्पणी में लिखा है कि स्थानीय संस्कृति का अनादर करने वाले व्यवसायों का लाइसेंस रद्द करें.
#बेंगलुरु के एक होटल में कथित तौर पर #कन्नड़ में बात करने के लिए कहने पर #डिलीवरी बॉय को होटल कर्मचारियों ने बेरहमी से पीटा..#ऑर्डर प्रोसेस करने में देरी को लेकर होटल स्टाफ से डिलीवरी बॉय ने कन्नड़ में बात करने को कहा..जिसपर #हिंदी भाषी कर्मचारियों ने उसके साथ मारपीट की..#CCTV pic.twitter.com/66VXGzz0S6
— News Art (न्यूज़ आर्ट) (@tyagivinit7) February 5, 2025
कर्नाटक के व्यवसायों को स्थानीय कर्मचारियों का उत्थान करना चाहिए, न कि बाहरी लोगों को आयात करना चाहिए जो भाषाई कट्टरता दिखाते हैं. एक और यूजर ने राज्य सरकार को कहा कि हमने आपको वोट दिया है और कन्नड़ पहचान और विरासत को संरक्षित और बढ़ावा दिया जाए. क्या आपके पास कन्नड़ के लिए थोड़ी कृतज्ञता नहीं है? हमें इसे ठीक करने के लिए सामाजिक रूप से जिम्मेदार लोगों की मदद क्यों लेनी चाहिए? एक व्यक्ति ने मामले को स्पष्ट करने की कोशिश करते हुए कहा कि यह सब झूठ है. रेस्टोरेंट वाला ही डिलीवरी करने वाले लड़के से कन्नड़ में बात करने की मांग करता है और फिर उसके साथ मारपीट करता है.