कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा पर तीखा हमला बोला और कहा कि बीजेपी नेताओं में "शालीनता और मर्यादा की कमी" है. उन्होंने पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. बेलगावी हवाई अड्डे पर बोलते हुए सिद्धारमैया ने कहा, "बीजेपी नेताओं में शालीनता और मर्यादा का अभाव है. पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि के लिए कौन जिम्मेदार है? बीजेपी इसकी सीधे तौर पर जिम्मेदार है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का कारण नरेंद्र मोदी सरकार है. हमारी नीतियों से केवल 7,000-8,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर संग्रह हुआ."
दूध और पेट्रोल की कीमतों पर सवाल
सिद्धारमैया ने दूध की कीमतों में वृद्धि का जिक्र करते हुए कहा कि इससे मिलने वाला पैसा सरकार के खजाने में नहीं, बल्कि किसानों के पास जाता है. "दूध की कीमतों में वृद्धि से सरकार को पैसा नहीं मिलता—यह किसानों को जाता है. अगर बीजेपी किसानों को पैसा देने के खिलाफ प्रदर्शन करती है, तो क्या वे किसान विरोधी हैं? उन्होंने एलपीजी सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ाई. यह बोझ कौन उठाता है?" उन्होंने कच्चे तेल की कीमतों का हवाला देते हुए कहा, "मनमोहन सिंह के कार्यकाल में कच्चा तेल 120 डॉलर प्रति बैरल था. आज यहsofia 55 डॉलर प्रति बैरल है. फिर भी पेट्रोल की कीमतें क्यों बढ़ीं? केंद्र सरकार जवाब दे."
बीजेपी का नैतिक अधिकार नहीं
सिद्धारमैया ने बीजेपी पर कीमत वृद्धि के लिए दोष मढ़ते हुए कहा, "बीजेपी को प्रदर्शन करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. सभी कीमत वृद्धि बीजेपी के शासनकाल में हुई. एलपीजी सिलेंडर की कीमत मनमोहन सिंह के समय से दोगुनी हो गई, लेकिन मीडिया ये सवाल नहीं पूछता."
कर्नाटक की वित्तीय स्थिति
बीजेपी के कर्नाटक को दिवालिया बताने के दावे पर सिद्धारमैया ने कहा, "क्या वेतन, पेंशन और रिटायरमेंट लाभ रुके हैं? बीजेपी के समय में उन्होंने धन के अभाव का दावा कर टेंडर जारी किए और दुरुपयोग किया. अगर आज कर्नाटक वित्तीय रूप से दिवालिया है, तो बीजेपी जिम्मेदार है." उन्होंने बताया, "हमने इस साल 4,09,500 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. पिछले साल यह 3.71 लाख करोड़ था. क्या दिवालिया राज्य ऐसा बजट बढ़ा सकता है?" उन्होंने केंद्र के कर्ज पर सवाल उठाया, "मोदी के सत्ता में आने पर भारत का कर्ज 53.11 लाख करोड़ था. आज यह 200 लाख करोड़ है. मोदी ने कर्ज को चार गुना किया."