Kannada Use: बेंगलुरु को देश का आईटी हव माना जाता है. यहां देश के कोने-कोने से लाखों लोग काम करने के लिए आते हैं. जिसमें से कुछ यहां के संस्कृति और भाषा में तुरंत घुल-मिल जाते हैं. वहीं कुछ लोगों को इसे अपनाने में काफी कठिनाई होती है हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कर्नाटक के रीजनल भाषा को सिखने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते हैं. लेकिन कर्नाटक वाले इसे लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं.
कर्नाटक में कन्नड़ भाषा के इस्तेमाल को लेकर लगातार बहस चल रही है. कुछ लोगों का मानना है कि शहर में रहने वाले लोगों को यहां की भाषा जरूर सीखनी चाहिए. हालांकि कुछ लोगों का विचार इससे बिल्कुल अलग है. उनका मानना है कि वह अपने भारत देश में रहते हैं और यहां लोगों को आजादी है कि वह अपने जरूरत के हिसाब से भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर की गई. जिसने एक नए विवाद को जन्म दे दिया. एक यूजर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि बेंगलुरु उत्तर भारत और पड़ोसी राज्यों के लिए बंद है जो कन्नड़ सीखना नहीं चाहते हैं. जिसके बाद सोशल मीडिया पर ये पोस्ट वायरल हो गया. अब तक इस पोस्ट को 133.6K से भी ज़्यादा बार देखा जा चुका है.
कुछ यूजर ने इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए सुझाव दिया है कि जो लोग कन्नड़ नहीं सीखना चाहते हैं उन्हें बेंगलुरु नहीं आना चाहिए. उसी पोस्ट में आगे कमेंट करते हुए कहा गया है कि जब वे भाषा और संस्कृति का सम्मान नहीं कर सकते तो उन्हें बेंगलुरु की ज़रूरत नहीं है.
जिसके बाद कई यूजरों ने अपने विचार को साझा किया. एक ने यह तक कह दिया कि मेरा मानना है कि कर्नाटक में केवल कन्नड़ का ही इस्तेमाल होना चाहिए और अंग्रेजी समेत सभी अन्य भाषाओं पर प्रतिबंध होना चाहिए. अगर कोई अंग्रेजी के इस्तेमाल के लिए तर्क देता है, तो यही तर्क दूसरी भाषाओं पर भी लागू होना चाहिए. इस पर सोच-समझकर विचार करें न कि दुश्मनी से.
वहीं दूसरी तरफ इस बात का विरोध कर रहे एक यूजर ने लिखा कि ओह, शुरुआत की तारीख? अगर आप शुरुआत की तारीख बता देंगे तो लोग सामान पैक कर लेंगे. अगर 2.2 मिलियन कर्मचारी सामान पैक करके चले गए तो आगे क्या होगा? उनके लिए कोई समस्या नहीं है, वे भारत के अन्य 10 शहरों में ट्रांसफर ले सकते हैं. जहां आईटी कंपनियां उपलब्ध हैं. वहीं एक और यूजर ने लिखा कि बेंगलुरु संभवतः भारत का पहला महानगरीय शहर था. यह कहना कि अगर कोई कन्नड़ नहीं सीखता है तो ऐसे लोगों के लिए शहर बंद है, दुखद और हास्यास्पद है. क्या यह पोस्ट करने वाला व्यक्ति पंजाब में रह सकता है और पंजाबी बोल सकता है? देश को भाषाओं के आधार पर क्यों बांटा जाए.