फर्जी हिंदू नाम, जाली कागजात... बेंगलुरु में पकड़ा गया पाकिस्तानी दंपत्ति, फंडिंग रूट की पड़ताल जारी

Pakistani Couple Arrested In Bengaluru: बेंगलुरु पुलिस ने एक पाकिस्तानी जोड़े को गिरफ़्तार किया है और उनकी बेटी को हिंदू पहचान के नाम पर अवैध रूप से रहने के आरोप में हिरासत में लिया है. जांच में आधार और पैन कार्ड समेत जाली दस्तावेज़ों का पता चला. जोड़े के रहने का खर्च मेहदी फ़ाउंडेशन इंटरनेशनल से जुड़े एक गिरफ़्तार व्यक्ति ने उठाया था. अधिकारी फंडिंग और अन्य अवैध निवासियों की जांच कर रहे हैं.

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Pakistani Couple Arrested In Bengaluru: बेंगलुरु पुलिस ने गुरुवार को एक पाकिस्तानी दंपति को गिरफ्तार किया और उनकी 17 साल बेटी को हिरासत में लिया है. ये कार्रवाई फर्जी हिंदू नामों से बेंगलुरु में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों के खिलाफ की गई. पुलिस ने 3 मोबाइल, आधार कार्ड, पासपोर्ट, एक पैन कार्ड और दो मतदाता पहचान पत्र जब्त किए, ये सभी फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके हासिल किए गए थे.

53 साल के सैयद तारिक और उसकी 48 साल की पत्नी अनिला को गिरफ्तार किया गया, जबकि दंपत्ति की बेटी को हिरासत में लिया गया. ये कार्रवाई तब की गई, जब एक अन्य गिरफ्तार पाकिस्तानी नागरिक ने उनके ठिकाने का खुलासा किया. शंकर शर्मा के नाम से अवैध रूप से रह रहे 48 साल के रशीद अली सिद्दकी को हाल ही में उसकी बांग्लादेशी पत्नी और उसके माता-पिता के साथ गिरफ्तार किया गया था.

आठ साल पहले भारत आया था तारिक का परिवार

पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि तारिक का परिवार आठ साल पहले अवैध रूप से भारत में आया था. तारिक का परिवार शुरुआत में कोच्चि में रहता था, जो बाद में बेंगलुरु शिफ्ट हो गया. तारिक एक उपदेशक हैं जो ज़्यादातर यूट्यूब पर अपना उपदेश शेयर करता है, जबकि उसकी पत्नी हाउसवाइफ है.

परिवार के ठहरने का खर्च कथित तौर पर अल्ताफ़ अहमद ने उठाया था, जिसे जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करने के आरोप में चेन्नई में उसकी पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने कहा कि मेहदी फ़ाउंडेशन इंटरनेशनल की ओर से अल्ताफ़ बेंगलुरु में गिरफ्तार किए गए तारिक को उसके उपदेशों के लिए हर महीने 25,000 रुपये देता था.

जानकारी के मुताबिक, पुलिस अब अवैध पाकिस्तानी प्रवासियों के लिए फंडिंग रूट की जांच कर रही है और उन पाकिस्तानियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है जो कर्नाटक में अवैध रूप से रह रहे हैं.