Pahalgam Terror Attack: सच ही कहा है किसी ने मौत से मुलाकात कब हो जाए ये कोई नहीं जानता है. अब कश्मीर घूमने गए उन तमाम लोगों को 22 अप्रैल 2025 को क्या पता था कि आज उनका आखिरी दिन है. अपने आने वाले अच्छे कल के लिए पांच दिन पहले नींव रख चुकी उस नई नवेली दुल्हन को भी क्या पता था कि उसका सिंदूर और चूड़ा दोनों उतरने वाला है. कर्नाटक की पल्लवी और उनके बेटे अभिजय ने तो सपनों में भी नहीं सोचा था कि पति और पिता का साथ बस आज के लिए ही है. इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.
कश्मीर का पहलगाम शहर 22 अप्रैल को कभी नहीं भूलेगा. आतंकवादियों ने ना आ देखा ना ताव कई लोगों को गोलियां दाग दी. खबरों की मानें तो 30 के करीब लोगों की जान गई है. पूरे इलाके में खौफ का माहौल है. सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है. इस हमले में मरने वालों में सबसे ज्यादा पर्यटक हैं. उनमें एक मृतक कर्नाटक के शिवमोगा का बताया जा रहा है. जान लें कि यह हमला कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट एक खूबसूरत घास के मैदान में हुआ.
मैदान में गोलीबारी के बाद चारो तरफ चीख पुकार मच गई. कर्नाटक के शिवमोगा जिले के 47 वर्षीय व्यक्ति की मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मौत हो गई. मृतक की पहचान मंजूनाथ राव के रूप में हुई है, जो अपनी पत्नी पल्लवी और बेटे अभिजय के साथ पारिवारिक छुट्टियों पर गए थे.
यह हमला अनंतनाग जिले के बैसरन घाटी क्षेत्र में हुआ, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग घायल हो गए और कई लोगों की मौत हो गई.
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद कर्नाटक पुलिस जम्मू-कश्मीर पुलिस के संपर्क में है, जिसमें कर्नाटक के शिवमोगा निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. यह हमला दोपहर करीब तीन बजे हुआ, जब पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादी पहाड़ से नीचे उतरे और पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी. इस स्थान को अक्सर उसके हरे-भरे घास के मैदानों के कारण 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहा जाता है. हमले के जवाब में भारतीय सेना की विक्टर फोर्स सहित सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है.
अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं. यह हमला दोपहर करीब तीन बजे हुआ. फरवरी 2019 के बाद से कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला हो सकता है, जब पुलवामा में आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे.