'जब तक लोगों का सपोर्ट है, इस्तीफा नहीं दूंगा', BJP की खास 'डिमांड' पर सिद्धारमैया की खरी-खरी
Muda Scam: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वे राजनीतिक चुनौतियों से 'डरे नहीं हैं या फिर भयभीत' नहीं होंगे. सिद्धारमैया ने ये बातें भाजपा की उस डिमांड पर कही हैं, जिसमें कर्नाटक में विपक्षी दल ने मुदा भूमि घोटाला मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उनसे इस्तीफे की मांग की है.
Muda Scam: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को कहा कि जब तक उनके पास लोगों का समर्थन है, तब तक वह न तो इस्तीफा देंगे और न ही किसी के लिए अपने तरीके बदलेंगे. मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की ओर से भूमि आवंटन से जुड़े एक कथित घोटाले में उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है.
राज्य भ्रष्टाचार निरोधक निकाय ने 27 सितंबर को MUDA भूमि घोटाले के संबंध में सिद्धारमैया के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इससे पहले कर्नाटक हाई कोर्ट ने लोकायुक्त पुलिस को इस आरोप की जांच करने का निर्देश दिया था कि उनकी पत्नी को मानदंडों का उल्लंघन करते हुए MUDA द्वारा प्रीमियम संपत्तियां आवंटित की गई थीं.
सिद्धारमैया बोले- न इस्तीफा दूंगा, न झुकूंगा
मैसूर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि मैं किसी के सामने इस्तीफा नहीं दूंगा या झुकूंगा नहीं. महात्मा गांधी ने कहा था कि अदालतें होती हैं और फिर अंतरात्मा होती है, जो सभी अदालतों से ऊपर होती है. अंतरात्मा ही सर्वोच्च न्यायालय है. मेरी अंतरात्मा साफ है और जब तक लोगों का समर्थन मुझे मिलता रहेगा, मैं डिगूंगा नहीं.
उन्होंने आगे कहा कि वे राजनीतिक चुनौतियों से डरे या भयभीत नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है कि वे कानूनी और राजनीतिक रूप से किसी भी बाधा का सामना कर सकते हैं और उसे पार कर सकते हैं, भले ही उनके विरोधी कुछ महीनों तक परेशानी पैदा करने की कोशिश करें.
मैसूर विकास निकाय ने कथित तौर पर सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के स्वामित्व वाली भूमि का एक टुकड़ा अधिग्रहित किया और उन्हें उच्च मूल्य के भूखंडों के साथ मुआवज़ा दिया. भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष और कुछ कार्यकर्ताओं ने सिद्धारमैया और पार्वती पर इस अवैध मुआवज़े वाली भूमि सौदे से लाभ उठाने का आरोप लगाया है , कथित अनियमितताओं का अनुमान 4,000 करोड़ रुपये है.
अगस्त ने राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की दी थी अनुमति
अगस्त में कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी. इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्यपाल की मंजूरी बरकरार रखी. इसके बाद, पूर्व और वर्तमान सांसदों/विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों के लिए विशेष अदालत ने मैसूर में लोकायुक्त पुलिस को आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया.
शिकायत में सिद्धारमैया की पत्नी पर आरोप लगाया गया है कि उन्हें मैसूर के एक प्रमुख इलाके में मुआवज़े के तौर पर प्लॉट आवंटित किए गए, जिनकी संपत्ति का मूल्य MUDA द्वारा अधिग्रहित की गई उनकी ज़मीन से ज़्यादा है. MUDA की 50:50 अनुपात योजना के तहत, पार्वती को 3.16 एकड़ ज़मीन के बदले प्लॉट आवंटित किए गए। हालाँकि, यह भी आरोप लगाया गया है कि मैसूर के कसारे गांव में 3.16 एकड़ ज़मीन पर उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं था. हालांकि, सिद्धारमैया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि भूमि सौदा तय नियमों के अनुसार पूरा हुआ और इसमें कोई अनियमितता नहीं हुई.