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India Daily

क्या बीजेपी शासन में नहीं हुए रेप? सिद्धारमैया ने बीजेपी के हमलों का इस तरह से दिया जवाब

सिद्धारमैया ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "क्या भाजपा के कार्यकाल में बलात्कार की घटनाएं नहीं हुईं? बलात्कार नहीं होने चाहिए. महिलाओं को सुरक्षा मिलनी चाहिए, लेकिन कुछ समाज विरोधी लोग ऐसे अपराध करते हैं."

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
CM Siddaramaiah
Courtesy: x

Karnataka: मध्य बेंगलुरु में एक महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और लूटपाट की घटना के बाद भाजपा लगातार सिद्धारमैया सरकार की आलोचना कर रही है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि क्या भाजपा के कार्यकाल में भी ऐसी घटनाएं नहीं हुई थीं, जिससे हंगामा मच गया.

यह घटना तब हुई जब बेंगलुरु के केआर मार्केट में येलहंका जाने वाली बस का इंतजार कर रही एक महिला ने आरोपियों से रास्ता पूछा. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आरोपियों ने उसे मदद करने के बहाने गोडाउन स्ट्रीट पर बुलाया और कथित तौर पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. यह मामला तब प्रकाश में आया जब पीड़िता ने बेंगलुरु सेंट्रल महिला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.

कानून व्यवस्था पर सवाल

जांच पर अपडेट देते हुए, बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने पुष्टि की कि मामले के सिलसिले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, विपक्ष के नेता आर अशोक ने राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोले. 

बीजेपी नेता का आरोप

विपक्ष के नेता आर अशोक ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है. आम लोग डर में जी रहे हैं. ऐसा कोई माहौल नहीं है जहां लड़कियां सुरक्षित रूप से घूम सकें. आप कब तक अपनी कुर्सी से चिपके रहकर ऐसी खराब सरकार चलाते रहेंगे? अपने पद से इस्तीफा दें और राज्य के लोगों को इस कुशासन और अराजकता से मुक्त करें." 

सिद्धारमैया ने बीजेपी को बताया गांधी विरोधी

इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेलगावी जिले में 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' रैली में अपने संबोधन के दौरान महात्मा गांधी की विचारधाराओं के प्रति कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि पार्टी गांधीवादी सिद्धांतों के खिलाफ है.

सिद्धारमैया ने कहा गांधीवादी मूल्यों का प्रचारजरूरी

उन्होंने महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य के दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित किया और भावी पीढ़ियों तक गांधीवादी मूल्यों के प्रचार-प्रसार का आह्वान किया. एक सदी पहले कर्नाटक में गांधी की अध्यक्षता में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन का जिक्र करते हुए सिद्धारमैया ने स्वतंत्रता संग्राम को तेज करने में इसकी ऐतिहासिक भूमिका का उल्लेख किया.