Language Dispute In Karnataka: कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (NWKRTC) की बस के कंडक्टर और ड्राइवर पर एक समूह ने हमला कर दिया. बस कंडक्टर महादेव हुक्केरी ने मरिहाल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि जब बस बालेकुंडरी (केएच) पहुंची, तो 20 लोगों के एक समूह ने उन पर और ड्राइवर राजेसाब मोमिन पर बेरहमी से हमला कर दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद कई कन्नड़ संगठनों ने दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है.
हुक्केरी के अनुसार, बस में एक लड़की और लड़का बेलगावी से बालेकुंडरी जा रहे थे. लड़की ने टिकट दिखाने के दौरान उनसे मराठी में बात करने को कहा, लेकिन कंडक्टर ने जवाब दिया कि उन्हें मराठी नहीं आती. इस पर लड़की ने उनसे मराठी सीखने के लिए कहा, और लड़का भी बहस में शामिल हो गया. जब बस गंतव्य पर पहुंची, तो 20 लोगों का एक समूह बस में चढ़ा और कंडक्टर को घूंसे और लात मारनी शुरू कर दी. इस दौरान आरोपी लगातार उन्हें मराठी सीखने के लिए कह रहे थे. बता दें कि डीसीपी (कानून एवं व्यवस्था) रोहन जगदीश ने पुष्टि की कि यह हमला भाषा विवाद के कारण हुआ. हालांकि इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू कर दिया है.
The Ksrtc bus conductor asked passengers to take a ticket in Kannada but the passenger got angry and attacked the conductor and said speak in marati. Incident happened in belagavi. #kannada #Karnatakapic.twitter.com/kKqRgAjrM0
— Karnataka Update (@about_karnataka) February 21, 2025
आपको बता दें कि इससे पहले बेंगलुरु के बीवीके अयंगर रोड पर भी एक व्यक्ति पर हमला किया गया, जब उसने एक दुकान के कर्मचारियों से कन्नड़ सीखने का अनुरोध किया. वहीं डबस्पेट निवासी और शामियाना टेंट हाउस के मालिक सैयद रफीक ने बताया कि उन्होंने एक दुकानदार से 'दीपदा कम्बा' (लैंप स्टैंड) दिखाने को कहा, लेकिन भाषा को लेकर बहस शुरू हो गई. दुकान के कर्मचारी शेष कुमार और अरविंद ने उनसे कहा कि उन्हें कन्नड़ नहीं आती. जब रफीक ने उन्हें कन्नड़ सीखने की सलाह दी, तो उन्होंने उस पर हमला कर दिया. वहीं इस मामले में सिटी मार्केट पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
हालांकि, भाषा विवाद को लेकर हिंसा की घटनाएं चिंताजनक हैं. कर्नाटक में बढ़ते भाषा टकराव से सामाजिक सौहार्द्र को खतरा पैदा हो सकता है. प्रशासन को ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की हिंसा को रोका जा सके.