Karnataka Bike Taxi Ban: कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण फैसला सुनाया ओला, उबर और रैपिडो के लिए. इस तरह के ऐप-आधारित कैब सेवाओं को राज्य में सभी बाइक टैक्सी सेवाएं बंद करने का आदेश दिया है. न्यायालय ने कंपनियों को आवश्यक बदलाव करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है. साथ ही ऐसी सेवाओं के प्रबंधन के लिए उचित प्रशासन की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट रूप से बताया है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, न्यायमूर्ति बी.एम. श्याम प्रसाद इस मामले के प्रभारी थे और उन्होंने कहा कि जब तक कर्नाटक सरकार मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 93 के तहत स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं कर देती. तब तक बाइक टैक्सी सेवाएं निलंबित रहेंगी.
इन दिशानिर्देशों में बाइक टैक्सी सेवाएं प्रदान करने तथा उसके बाद उनके परिचालन लाइसेंस के लिए आवश्यक शर्तों का साफ-साफ उल्लेख होना चाहिए.
यह निर्णय एग्रीगेटर्स रैपिडो, उबर इंडिया और ओला द्वारा प्रस्तुत याचिकाओं पर आधारित था, जिनमें बाइक टैक्सी सेवाओं को कानूनी मान्यता और संचालन के लिए लाइसेंस देने की मांग की गई थी.
इस आदेश का इतिहास जुलाई 2021 से जुड़ा है, जब कर्नाटक सरकार ने राज्य में बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था. ओला और उबर जैसे ऐप द्वारा दी जाने वाली बाइक रेंटल सेवाओं ने इस आदेश का जवाब देते हुए उच्च न्यायालय में अपील की थी.
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बाइक टैक्सियों को नियंत्रित करने वाली अलग-अलग नीतियां हैं.
कर्नाटक 2021 में इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी योजना शुरू करने वाला पहला राज्य था. लेकिन ऑपरेटरों की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने के कारण बाद में इसे वापस ले लिया गया.
दूसरी ओर, अक्टूबर 2023 में दिल्ली द्वारा बाइक टैक्सियों को अनुमति देने वाली नीति जारी की गई थी. हालांकि यह नीति इलेक्ट्रिक मोटरबाइक तक ही सीमित थी.
हाल ही में, महाराष्ट्र ने बाइक टैक्सियों के परिचालन को भी अनुमति दे दी है. हालांकि उनके द्वारा तय की जाने वाली अधिकतम दूरी तथा उनके बेड़े में वाहनों की संख्या पर सीमाएं लगा दी गई हैं.