Cyber Crime: कर्नाटक अब साइबर क्राइम्स का गढ़ बनता जा रहा है. एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें 2024 में (नवंबर तक) कर्नाटक में साइबर स्कैम से 2,047 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस खतरे से निपटने के लिए राज्य सरकार ने साइबरक्राइम और साइबर सुरक्षा के लिए एक नया वर्टिकल (विभाग) बनाने का फैसला किया है. कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने 17 दिसंबर को विधानसभा में बताया कि इस नए वर्टिकल का नेतृत्व एक डीजीपी रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह की पहली पहल है और जल्द ही इस डिपार्टमेंट को स्थापित करने के लिए सरकारी आदेश जारी किया जाएगा.
वर्तमान में, कर्नाटक में छह डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं, जिनमें से चार सीआईडी, फायर और इमरजेंसी सर्विसेज, आंतरिक सुरक्षा डिवीजन और जेल और सुधार सर्विसेज के प्रमुख हैं. पांचवें अधिकारी कर्नाटक स्टेट पुलिस हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं.
इस योजना के तहत, राज्य की 7 पुलिस रेंज में एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नेतृत्व में रखी जाएगी. वर्तमान में, राज्य में 43 साइबरक्राइम, इकोनॉमिक क्राइम और नार्कोटिक्स पुलिस स्टेशन हैं, जो एक डिप्टी एसपी या सहायक पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में काम करते हैं.
2022 में कर्नाटक में 12,879 साइबर क्राइम मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 22,194 हो गई. नवंबर 2024 तक 20,875 मामले दर्ज किए गए हैं. बेंगलुरु शहर इन मामलों में सबसे आगे है. 2022 में बेंगलुरु में 10,026 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में बढ़कर 17,714 हो गए. 2024 में नवंबर तक यह संख्या 16,474 थी.
गृह विभाग के अनुसार, 2024 में (नवंबर तक) साइबर स्कैम से 2,047 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 862 करोड़ रुपये था. 2022 में दर्ज 12,879 साइबर क्राइम मामलों में से 3,232 मामले निपटाए गए या अदालत में लंबित थे, जबकि 452 मामलों की जांच जारी थी. 2023 में 4,016 मामले निपटाए गए और 6,154 मामलों की जांच जारी थी. 2024 में, दर्ज 20,875 मामलों में से 873 मामले निपटाए गए और 16,784 मामलों की जांच चल रही है.