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ड्यूटी पर झपकी लेना अपराध नहीं! कर्नाटक HC ने कांस्टेबल के निलंबन को किया रद्द

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कांस्टेबल चंद्रशेखर के निलंबन को रद्द कर दिया है. उन्हें 16 घंटे की शिफ्ट के दौरान झपकी लेने के कारण निलंबित किया गया था, लेकिन कोर्ट ने आराम और नींद के अधिकार को मान्यता दी.

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Edited By: Ritu Sharma
Karnataka High Court
Courtesy: Social Media

Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट ने कल्याण कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (KKRTC) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें ड्यूटी के दौरान झपकी लेने पर एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया था. कोर्ट ने इस फैसले को "अमानवीय और अव्यावहारिक" करार दिया.

आपको बता दें कि याचिकाकर्ता चंद्रशेखर, केएसटी कांस्टेबल, कुकनूर डिपो, कोप्पल डिवीजन में कार्यरत हैं. उन्होंने 1 जुलाई 2024 को अपने निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने उनकी बहाली का आदेश देते हुए कहा कि 60 दिनों तक लगातार 16 घंटे की दोहरी शिफ्ट में काम करना किसी के लिए भी असंभव है.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो बना निलंबन का कारण

वहीं कांस्टेबल के ड्यूटी के दौरान झपकी लेने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इस पर कार्रवाई करते हुए केकेआरटीसी ने उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया. हालांकि, कांस्टेबल ने अपने बयान में कहा कि उसकी तबीयत खराब थी और उसने दवाई लेने के बाद 10 मिनट की झपकी ली थी.

अदालत ने मानवाधिकारों का दिया हवाला

बताते चले कि न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने फैसले में कहा कि ''अगर किसी व्यक्ति को नींद से वंचित रखा जाए, तो वह जहां भी होगा, वहीं सो जाएगा. नींद और आराम कार्य-जीवन संतुलन के महत्वपूर्ण पहलू हैं.'' अदालत ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा का हवाला देते हुए कहा कि केकेआरटीसी की यह कार्रवाई अमानवीय थी और इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए.

हालांकि, कोर्ट के इस फैसले ने कर्मचारियों के अधिकारों और कार्यस्थल पर मानवाधिकारों के महत्व को रेखांकित किया है. अब चंद्रशेखर अपनी सेवा में लौट सकते हैं और उन्हें निलंबन की अवधि का पूरा वेतन भी मिलेगा.