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'महाशिवरात्रि' पर लाडले मशक दरगाह में हिंदुओं को पूजा की अनुमति, कर्नाटक HC का बड़ा फैसला

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने लाडले मशक दरगाह परिसर में स्थित शिवलिंग के प्रति हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति प्रदान की है, जिससे लंबे समय से चल रहे धार्मिक विवाद का समाधान हुआ है और श्रद्धालुओं को राहत मिली है.

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Edited By: Ritu Sharma
Karnataka High Court
Courtesy: Social Media

Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट ने महाशिवरात्रि के अवसर पर हिंदू श्रद्धालुओं को लाडले मशक दरगाह परिसर में स्थित राघव चैतन्य शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति दे दी है. यह आदेश कर्नाटक वक्फ न्यायाधिकरण के पूर्व निर्देशों को बरकरार रखते हुए दिया गया है, जिसमें धार्मिक अनुष्ठानों की इजाजत दी गई थी.

आपको बता दें कि कोर्ट के फैसले के तहत 26 फरवरी 2025 को दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक हिंदू श्रद्धालु दरगाह परिसर में स्थित शिवलिंग की पूजा कर सकेंगे, जबकि मुस्लिम समुदाय के लिए सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक उर्स की रस्मों की अनुमति दी गई है.

विवाद के कारण बढ़ा तनाव

वहीं लाडले मशक दरगाह, जो 14वीं सदी के सूफी संत और 15वीं सदी के हिंदू संत राघव चैतन्य से जुड़ी हुई है, ऐतिहासिक रूप से साझा उपासना स्थल रही है. हालांकि, 2022 में धार्मिक अधिकारों को लेकर विवाद बढ़ने के बाद सांप्रदायिक तनाव गहरा गया था. इसी विवाद को शांत करने के लिए हिंदू संगठनों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर यह फैसला आया है.

सुरक्षा व्यवस्था हुई कड़ी

इसके अलावा, किसी भी प्रकार की अशांति से बचने के लिए प्रशासन ने अलंद में धारा 144 लागू कर दी है, जिससे भीड़ जमा होने पर प्रतिबंध रहेगा. 12 सुरक्षा चौकियां स्थापित की गई हैं और निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए गए हैं.

हालांकि, कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फैसले ने दोनों समुदायों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया है, ताकि धार्मिक स्वतंत्रता बनी रहे और शांति भी कायम रखी जा सके.