पुलिस का ही बना डाला फेक फेसबुक अकाउंट, फिर लोगों से पैसे मांगने लगे साइबर ठग
हाल ही में साइबर बदमाशों ने बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद के नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया और अलग-अलग लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर इमरजेंसी का हवाला देते हुए आर्थिक मदद मांगी.

Fraudsters Created Police Fake Facebook Account: देश में साइबर क्राइम के मामले आए दिन बढ़ते जा रहे हैं. स्कैर्म अलग-अलग तरीकों से लोगों के साथ फ्राड कर रहे हैं. हाल ही में साइबर बदमाशों ने बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद के नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया और अलग-अलग लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर इमरजेंसी का हवाला देते हुए आर्थिक मदद मांगी.
हालांकि, किसी भी लोगों ने मैसेज का जवाब नहीं दिया और फ्रौड़स्टर्स से झांसे में फंसने से बच गए. फ्रौड़स्टर्स ने हिंदी में 'दयानंद बन्निकल' प्रोफाइल नाम से अकाउंट बनाया था. यह पहली बार नहीं है जब दयानंद के नाम से फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाया गया हो. कई फ्रौड़स्टर्स इंटरनेट से उनकी तस्वीरें डाउनलोड करते हैं, उन्हें प्रोफाइल और बैकग्राउंड फोटो के रूप में इस्तेमाल करते हैं और फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं.
पहले भी बनाई गई हैं फर्जी प्रोफाइल
अक्टूबर 2024 में भी इसी तरह की फर्जी प्रोफाइल बनाई गई थी. पूर्व डीजी और आईजीपी, पुलिस कमिश्नर और रिटायर्ड IPS अधिकारियों सहित अन्य आईपीएस अधिकारियों के नाम पर इसी तरह की फर्जी प्रोफाइल वित्तीय मदद मांगते हुए पहले भी सामने आ चुकी हैं.
पुलिस कमिश्नर बी दयानंद ने दी सलाह
मीडिया से बात करते हुए दयानंद ने कहा कि उन्होंने फर्जी प्रोफाइल को साइबर क्राइम पुलिस के संज्ञान में लाया, जो इस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने लोगों से वित्तीय मदद मांगने वाले किसी भी फेसबुक या व्हाट्सएप मैसेज का जवाब नहीं देने का आग्रह किया.
अगर उन्हें ऐसे संदेश मिलते हैं, तो उन्हें फोन पर इसकी जानकारी देनी चाहिए या नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करनी चाहिए. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि लोगों को फर्जी प्रोफाइल से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचना चाहिए. अगर वे बिना यह जाने कि यह फर्जी अकाउंट है, रिक्वेस्ट स्वीकार कर लेते हैं, तो उन्हें वित्तीय मदद मांगने वाले संदेशों का जवाब नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पैसे भेजने से पहले उन्हें संबंधित अधिकारी से संपर्क करना चाहिए और क्रॉस-चेक करना चाहिए.