Karnataka Politics: मुदा घोटाले में ईडी की एंट्री के बाद कर्नाटक कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है. राज्य के कई कांग्रेस नेता आपस में सीक्रेट मीटिंग्स भी कर रहे हैं. एक के बाद एक बैठकों के दौर के बाद दिल्ली में मौजूद हाईकमान भी अलर्ट हो गया है. कर्नाटक की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश की राजनीति में बदलाव की आहट है, जबकि सीएम सिद्धारमैया मुदा मुद्दे पर अदालत में लड़ रहे हैं.
बदलाव की आहट के पीछे का एक तर्क ये भी कि हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की है. साथ ही मुदा घोटाले मामले में अब ईडी की भी एंट्री हो चुकी है. कहा जा रहा है कि मुद्दे पर राज्य के मंत्री और विधायक गुप्त बैठकें कर रहे हैं. एक दिन पहले ही तीन दलित मंत्रियों ने मैसूर में एक बैठक की थी. इनमें डॉ. जी परमेश्वर, सतीश जराकीहोली और एचसी महादेवप्पा शामिल थे. कहा जा रहा है कि कांग्रेस सांसद सुनील बोस के आवास पर हुई गुप्त बैठक में बदलाव की चर्चा हुई. इस बैठक के बारे में पूछे जाने पर परमेश्वर ने कहा कि हमलोगों ने कॉफी पर चर्चा की है.
मंत्री के इतना कहने के बावजूद इस मुलाकात ने उत्सुकता बढ़ा दी. कहा जा रहा है कि बैठकों की जानकारी के बाद डीके शिवकुमार ही नहीं, दिल्ली आलाकमान के नेता सतर्क हो गए हैं. ऐसा लगता है कि सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को गुप्त बैठकों को तोड़ने का काम सौंपा गया है. कुछ मंत्रियों के बयानों और अलग-अलग बैठकों की जानकारी आलाकमान को है.
केसी वेणुगोपाल ने इस बारे में सीएम और डिप्टी सीएम से फोन पर बात की है और कहा है कि इस तरह के घटनाक्रम को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. वेणुगोपाल ने कहा कि इस तरह की घटनाओं और चर्चाओं से बीजेपी और जेडीएस को फायदा होगा.
दरअसल, मुदा मामले की जांच तेज हो गई है. रिटायर्ड जजों के नेतृत्व में एक आयोग ने रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है. इस पूरे हंगामे के बीच सीएम सिद्धारमैया ने राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुलाकात की. जानकारी के मुताबिक, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की बेंगलुरु यात्रा के मौके पर राजभवन में भोज का आयोजन किया गया. ऐसे में राज्यपाल के निमंत्रण पर राजभवन गए सिद्धारमैया ने उनसे मुलाकात की और मुस्कुराते हुए हाथ मिलाया.
राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने हाल ही में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण मुदा में कथित घोटाले के संबंध में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी. इससे राज्य की राजनीति में काफी बवाल हुआ. कांग्रेस नेता राज्यपाल के खिलाफ भड़क गए. वहीं, बीजेपी सिद्धारमैया पर निशाना साधती रही.
इसके बाद सीएम सिद्धारमैया अभियोजन पक्ष पर सवाल उठाते हुए कोर्ट पहुंचे. इसके बाद उन्होंने कानूनी लड़ाई शुरू कर दी. उन्होंने कानूनी विशेषज्ञों से भी सलाह ली. बाद में पीपुल्स कोर्ट ने मैसूर लोकायुक्त को सिद्धारमैया की जांच करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर लोकायुक्त में एफआईआर भी दर्ज की गई है.
मुदा कांड में ईडी की एंट्री के बाद पार्टी में कुछ हलचल देखने को मिल रही है. सिद्धारमैया सीएम होंगे या कोई और, इस पर सस्पेंस पहले से थोड़ा ज्यादा है. खबर है कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के किले के अंदर गुप्त बैठकें हो रही हैं. इसलिए कोई असंतोष न भड़के इसके लिए सीनियर कांग्रेस की रोजमर्रा की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं.