कर्नाटक पुलिस ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मंगलुरु शहर पुलिस ने बेंगलुरु में 37.870 किलोग्राम प्रतिबंधित MDMA (मिथाइलीनडायोक्सीमेथमफेटामाइन) जब्त की, जिसकी कीमत लगभग 75 करोड़ रुपये आंकी गई है. इस मामले में दो दक्षिण अफ्रीकी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बंबा उर्फ एडोनिस जबुलिले (31) और अबिगेल एडोनिस उर्फ ओडिजो इवांस (30) के रूप में हुई है. ये दोनों शनिवार सुबह बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के पास नीलाद्रिनगर में उस समय पकड़े गए, जब वे ड्रग्स की सप्लाई करने जा रहे थे. पुलिस के अनुसार, दोनों नकली पासपोर्ट और वीजा का इस्तेमाल कर अवैध रूप से भारत में रह रहे थे.
ड्रग कारोबार में लंबा इतिहास
प्रारंभिक जांच के अनुसार, दोनों आरोपी डेढ़ साल से ड्रग कारोबार में सक्रिय थीं. बंबा फांटा 2020 में बिजनेस वीजा पर दिल्ली आई थी और पहले फूड कार्ट का कारोबार करती थी. वहीं, अबिगेल एडोनिस जुलाई 2020 में मेडिकल वीजा पर भारत आई थी और कपड़ों के व्यवसाय में थी. बाद में दोनों ने ड्रग तस्करी शुरू की और लग्जरी लाइफ जीने लगीं. पिछले एक साल में इन्होंने दिल्ली से मुंबई और बेंगलुरु की 50 से अधिक यात्राएं कीं. हालांकि, कर्नाटक में इनकी गतिविधियां सिर्फ बेंगलुरु तक सीमित थीं और मंगलुरु से इनका कोई संबंध नहीं था.
मंगलुरु पुलिस की मेहनत रंग लाई
पुलिस आयुक्त ने बताया कि मंगलुरु के सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) अधिकारियों की छह महीने की कड़ी मेहनत ने इस बड़ी सफलता को संभव बनाया. यह मामला तब शुरू हुआ, जब मंगलुरु के पंपवेल इलाके में एक लॉज से ड्रग तस्कर हैदर अली के पास से 15 ग्राम MDMA जब्त की गई. इसके बाद मंगलुरु पूर्व पुलिस ने जांच को CCB को सौंपा.
CCB की जांच ने मुख्य सप्लायर तक पहुंचने में मदद की. इस दौरान एक नाइजीरियाई नागरिक पीटर इकेदी बेलोनवु को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 6 किलोग्राम से अधिक MDMA बरामद हुई. इसके बाद पुलिस ने ड्रग नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार प्रयास जारी रखे, जिसके परिणामस्वरूप दो और अफ्रीकी नागरिकों की गिरफ्तारी हुई.
आगे की जांच जारी
अग्रवाल ने कहा कि यह जांच अभी खत्म नहीं हुई है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी इतने लंबे समय तक हाई-सिक्योरिटी हवाई अड्डों से ड्रग्स की तस्करी कैसे कर पाए. क्या इसमें सुरक्षा अधिकारियों की मिलीभगत थी, यह भी जांच का विषय है. इस मामले में और जानकारी जुटाने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की मदद ली जाएगी.
यह कार्रवाई कर्नाटक पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो ड्रग तस्करी के खिलाफ सख्ती से लड़ाई लड़ रही है. यह मामला न केवल ड्रग्स की जब्ती के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में भी एक कदम है.