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कर्नाटक में OBC आरक्षण 32% से 51% तक करने की तैयारी, क्या कहती है जाति जनगणना की रिपोर्ट?

आयोग ने अपनी सिफारिशों में कहा कि हाल ही में कराए गए सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण (जातिगत जनगणना) के अनुसार, कर्नाटक की जनसंख्या में OBC वर्ग की हिस्सेदारी लगभग 70% है.

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Edited By: Anvi Shukla
OBC reservation to increase in Karnataka
Courtesy: social media

Karnataka Caste Census 2025: कर्नाटक में जातिगत जनगणना आयोग ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण को 32% से बढ़ाकर 51% करने की सिफारिश की है. अगर यह सिफारिश लागू होती है, तो राज्य में कुल आरक्षण 85% तक पहुंच जाएगा. वर्तमान में, भारत में ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाता है, लेकिन कर्नाटक में यह आंकड़ा अलग हो सकता है. ओबीसी आरक्षण बढ़ने से राज्य में सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लोगों को अधिक लाभ मिल सकता है.

आयोग ने अपनी सिफारिशों में कहा कि हाल ही में कराए गए सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण (जातिगत जनगणना) के अनुसार, कर्नाटक की जनसंख्या में OBC वर्ग की हिस्सेदारी लगभग 70% है. आयोग ने इस आंकड़े के आधार पर आरक्षण को जनसंख्या के अनुपात में लागू करने का सुझाव दिया है, ताकि सरकारी सुविधाओं और अवसरों का समान वितरण सुनिश्चित हो सके.

जातिगत जनगणना आयोग की रिपोर्ट

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'हालांकि सर्वेक्षण में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 69.6% पाई गई, फिर भी राज्य की आधे से भी कम आबादी को आरक्षण का लाभ मिल रहा है. यदि आबादी के आधार पर आरक्षण नहीं दिया गया तो सरकारी सुविधाएं समान रूप से वितरित नहीं हो पाएंगी.'

पिछड़े वर्गों की जनसंख्या

सर्वे के अनुसार, कर्नाटक में पिछड़े समुदायों की जनसंख्या इस प्रकार है 
- 1A श्रेणी: 34,96,638  
- 1B श्रेणी: 73,92,313  
- 2A श्रेणी: 77,78,209  
- 2B श्रेणी: 75,25,880  
- 3A श्रेणी: 72,99,577  
- 3B श्रेणी: 1,54,37,113  

कुल मिलाकर, अन्य पिछड़ी जातियों की कुल जनसंख्या 4,16,30,153 है. इसके अलावा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या क्रमशः 1,09,29,347 और 42,81,289 है.

इस नीति के तहत

आयोग ने राज्य सरकार से नौकरी और शिक्षा में क्षैतिज आरक्षण लागू करने की भी सिफारिश की है. इस नीति के तहत महिलाओं, दिव्यांगजनों और अन्य विशेष वर्गों को हर आरक्षित वर्ग के भीतर अलग कोटा मिलेगा. उदाहरण स्वरूप, OBC वर्ग में महिलाओं और दिव्यांगों के लिए अलग से आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा.

कैबिनेट बैठक में होगा अंतिम निर्णय

यह जातिगत जनगणना रिपोर्ट फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपी गई थी, जिसे शुक्रवार को सिद्धारमैया कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया. अब सरकार 17 अप्रैल को विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित करेगी, जिसमें इस रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी और सिफारिशों को लागू करने पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

कर्नाटक की राजनीति में बड़ा बदलाव?

यदि यह सिफारिश लागू होती है, तो कर्नाटक की राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा. हालांकि, इसे लागू करने पर संविधानिक और न्यायिक प्रतिक्रियाएं क्या होती हैं, यह देखना दिलचस्प होगा. सुप्रीम कोर्ट ने पहले 50% आरक्षण की सीमा तय की थी, ऐसे में 85% आरक्षण पर कोर्ट की प्रतिक्रिया क्या होगी, यह अभी भी एक सवाल बना हुआ है.