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सूटकेस में जिंदा थी गौरी, फोरेंसिक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, पति ने चाकू मारकर बैग में किया था पैक

बेंगलुरु में बीते दिनों एक सनसनीखेज हत्याकांड ने सभी को स्तब्ध कर दिया था. यहां 26 मार्च को राकेश खेडेकर ने अपनी पत्नी गौरी अनिल सम्ब्रेकर की चाकू मारकर हत्या के बाद उसे सूटकेस में पैक कर दिया. 

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Edited By: Garima Singh
Bengaluru Murder Case
Courtesy: x

Bengaluru Murder Case: बेंगलुरु में बीते दिनों एक सनसनीखेज हत्याकांड ने सभी को स्तब्ध कर दिया था. यहां 26 मार्च को राकेश खेडेकर ने अपनी पत्नी गौरी अनिल सम्ब्रेकर की चाकू मारकर हत्या के बाद उसे सूटकेस में पैक कर दिया. 

अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है. फोरेंसिक जांच में पता चला कि सूटकेस में पैक करते वक़्त वह जिंदा थी. फोरेंसिक डॉक्टर्स ने बताया की सूटकेस में से बलगम के सैंपल मिले थे. जिसकी जांच करने पर ये पूरी जानकारी मिली. 

झगड़े से शुरू हुई खौफनाक वारदात

राकेश और गौरी के बीच 26 मार्च को मामूली बात पर विवाद हो  गया था. गुस्से में राकेश ने गौरी को थप्पड़ जड़ दिया था. जवाब में गौरी ने चाकू फेंका, जिससे राकेश को हल्की चोट लगी. इसके बाद राकेश ने उसी चाकू से गौरी के गले पर दो बार और पेट पर एक बार वार कियता. उसे मरा हुआ समझकर राकेश ने गौरी को सूटकेस में बंद कर दिया.  फोरेंसिक रिपोर्ट में अब खुलासा हुआ की सूटकेस में पैक करते समय गौरी जिंदा थी. डॉक्टर्स को सूटकेस से बलगम मिला जो साबित करता है कि गौरी जिंदा थी जब उसे पैक किया गया. 

हत्या के बाद पुणे भागा राकेश

हत्या के बाद राकेश ने सूटकेस को अपने साथ ले जाने की कोशिश की, लेकिन हैंडल टूटने पर उसने इसे बाथरूम में छोड़ दिया. खून के निशान साफ करने के बाद वह घर को बाहर से बंद कर देर रात अपनी होंडा सिटी कार से पुणे भाग गया. रास्ते में उसने गौरी के भाई को फोन कर कहा कि उसने गौरी को मार डाला है. उसने पड़ोसी प्रभु सिंह को भी फोन कर झूठ बोला कि 'गौरी ने आत्महत्या कर ली' उसने प्रभु से मकान मालिक और पुलिस को सूचना देने को कहा. 

प्रेम कहानी से शुरू हुआ था रिश्ता

महाराष्ट्र के रहने वाले राकेश और गौरी फूफेरे भाई-बहन थे. गौरी ने राकेश के घर रहकर पढ़ाई की और इसी दौरान दोनों में प्यार हो गया था. चार साल तक लिव-इन में रहने के बाद, दो साल पहले दोनों ने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की थी. माता-पिता से अनबन के चलते वे एक महीने पहले मुंबई से बेंगलुरु शिफ्ट हुए थे. राकेश टेक फर्म में काम करता था, जबकि गौरी नौकरी की तलाश में थी.