Bengaluru Suicide Case: बेंगलुरु से एक घटना सामने आई है जिसमें मंगलवार को मुंबई पुलिस आयुक्त के ऑफिशियल एडॅेस पर एक महिला ने ईमेल भेजा. इसमें उसके भाई के ठिकाने की जांच करने की रिक्वेस्ट की गई थी क्योंकि परिवार ने शनिवार को उससे आखिरी बार बात की थी और उसके बाद उससे कॉन्टैक्ट नहीं हो पा रहा था. मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच में उसके भाई के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की तो यह वसई के कामन में पाई गई, जिसके बाद नायगांव पुलिस ने मामले को अपने हाथ में ले लिया.
इमेल मिलने के बाद जब पुलिस महिला के बंगले पर पहुंची तो उन्हें बाहर एक नोट चिपका हुआ मिला. इसमें लिखा था, "अंदर कार्बन मोनोऑक्साइड है, लाइट न जलाएं". घर के अंदर से बदबू आ रही थी. पुलिस ने तुरंत सहायता के लिए फायर ब्रिगेड को बुलाया.
जब पुलिस घर के अंदर गई तो उन्हें एक 27 वर्षीय व्यक्ति मिला जिसकी मौत जहरीली गैस इनहेल करने से हुई थी. पुलिस का मानना है कि उसने आत्महत्या की है, क्योंकि वह कार्बन मोनोऑक्साइड के सिलेंडर से जुड़ा एक इनहेलेशन मास्क पहने हुए मिला था और उसके बेड के पास एक दीवार पर सुसाइड नोट चिका हुआ था. उन्होंने मृत्यु का मामला दर्ज किया है. मामले का पता लगाने के लिए जांच जारी है.
मृतक ने घर की खिड़कियों को सील कर दिया था, जिसमें एक बढ़ई की मदद ली गई थी, जिससे गैस गलती से बाहर न निकल जाए. पड़ोस में रहने वाले लोगों ने पुलिस को बताया कि वह व्यक्ति एक साल से वसई के बंगले में रह रहा था. आखिरकार यह पता चला कि वह पहले पवई में रहता था और उपनगर में एक बैंक में काम करता था.
घर के अंदर घुसने के लिए और गैस से खुद को बचाने के लिए, पीपीई किट और ब्रीथिंग एपरेटस सेट पहने हुए फायर ब्रिगेड कर्मियों ने हाइड्रोलिक स्प्रेडर कटर की मदद से बेडरूम में एंट्री ली. अधिकारियों को पता चला कि मृतक ने सिलेंडर से जुड़ा एक मास्क पहना हुआ था और सीधे उससे सांस ले रहा था. फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने चाकू से उसके मुंह में लगी ट्यूब को सावधानीपूर्वक काटा और सिलेंडर से अलग किया.
व्यक्ति के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. एक जांच अधिकारी ने कहा है कि उसने यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरती कि किसी को कोई नुकसान न पहुंचे. उसने बेडरूम के गेट पर एक नोट लगा दिया था जिससे कोई अंदर न आए. नायगांव पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक बलराम पालकर ने बताया कि सुसाइड नोट में उन्होंने अपने परिवार को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया था, लेकिन उन्होंने अपनी जान लेने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वह पिछले डेढ़ साल से फिजिकल और मेंटल हेल्थ की समस्याओं से परेशान थे जिसका कोई इलाज नहीं था. बता दें कि उनके घर में गैस के पांच सिलेंडर मिले.