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India Daily

Bengaluru: पुलिस अधिकारी ने खुदकुशी करने वाली महिला के कपड़े उतरवाए, 25 लाख रुपये मांगे, FIR में किसने लगाए घिनौने आरोप

बीते शुक्रवार को एक महिला ने पुलिस जांच अधिकारी के ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. अब इस मामले में एक हैरान करने वाला एंगल सामने आया है. दरअसल खबर आ रही है कि पुलिस अधिकारी महिला को कपड़े उतारने और 25 लाख रुपये की मांग कर हत्या के लिए उकसाया था. दबाव में आकर महिला ने आत्महत्या कर ली.

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Edited By: Khushboo Chaudhary
Bengaluru Woman Suicide
Courtesy: Social Media

बेंगलुरु से एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में एक आपराधिक मामले में 33 साल की महिला ने बीते शुक्रवार को पुलिस जांच अधिकारी के ऊपर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. अब इस मामले में एक अचंभित करने वाला एंगल सामने आया है. अब इस मामले में खबर आ रही है कि एक पुलिस अधिकारी ने महिला व्यवसायी एस जीवा को कपड़े उतारने और 25 लाख रुपये की मांग कर हत्या के लिए उकसाया था.जिसके बाद महिला ने सुसाइड कर लिया.वहीं अब पुलिस उपाधीक्षक कनकालक्ष्मी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच चल रही है.

वहीं एस जीवा ने अपने घर पर सुसाइड करने से पहले  उन्होंने 11 पन्नों का एक नोट छोड़ा था, जिसमें अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के अधिकारी पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया गया था.एस जीवा बेंगलुरु में लकड़ी की दुकान चलाती थीं और वकील भी थीं. पिछले शुक्रवार (22 नवंबर) को उनकी आत्महत्या हो गई. जीवा की बहन एस संगीता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक कनकलक्ष्मी को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.

आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज

पुलिस अधिकारी के अनुसार, महिला अपराध जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा जांच किए जा रहे एक मामले में आरोपी थी. अपने कथित सुसाइड नोट में उसने जांच अधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और आत्महत्या का कारण बताया. उन्होंने बताया कि बनशंकरी थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है.

एस जीवा पर लगा था आरोप

बता दें कि मृतक एस जीवा कर्नाटक भोवी विकास निगम घोटाले में आरोपियों में से एक थी, उसने नौकरी योजना के तहत भोवी समुदाय के सदस्यों को ऋण देने के लिए निर्धारित धन का दुरुपयोग शामिल था. वहीं अब मामले की जांच सीआईडी ​​को सौंपी गई थी. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सीआईडी ​​को 14 नवंबर से 23 नवंबर के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एस जीवा से पूछताछ करने की अनुमति दी थी लेकिन सीआईडी ​​ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया.