menu-icon
India Daily

Bengaluru: कोई तो ऑफिस पहुंचा दो... शख्स को जब नहीं मिला दफ्तर जानें के लिए उबर और ओला, चलाया ऐसा दिमाग हो गया Viral

बेंगलुरु के एक व्यक्ति को उबर, ओला नहीं मिलने पर ऑफिस जाने के लिए कुली का इस्तेमाल करना पड़ा एक्स पर अब वायरल हो चुके पोस्ट में पथिक ने पोर्टर दोपहिया वाहन पर सवार अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और उसका शीर्षक दिया. 'आज मुझे खुद को कार्यालय ले जाना पड़ा, क्योंकि ओला, उबर नहीं थी.'

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Bengaluru man Porter office
Courtesy: Social Media

Viral Post: आधुनिक समस्याओं के लिए आधुनिक समाधान की आवश्यकता होती है, और बेंगलुरु के एक निवासी ने इसे बखूबी अपनाया. जब उन्हें ऑफिस जाने के लिए ओला या उबर बुक करने में कठिनाई हुई, तो उन्होंने एक अनोखा तरीका निकाला. शख्स ने पोर्टर की सेवा ली, जो आमतौर पर सामान ढोने के लिए उपयोग की जाती है.

पोर्टर दोपहिया पर अनोखी सवारी

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में इस शख्स ने खुद को पोर्टर के दोपहिया वाहन पर सवार दिखाते हुए एक तस्वीर साझा की. उन्होंने कैप्शन में लिखा, "आज मुझे खुद को ऑफिस ले जाना पड़ा, क्योंकि ओला, उबर नहीं थी.'

बेंगलुरु, जो अपनी ट्रैफिक समस्याओं और तकनीकी नवाचारों के लिए प्रसिद्ध है, वहां इस तरह के प्रयोग अक्सर देखे जाते हैं. लेकिन यह तरीका न केवल व्यावहारिक साबित हुआ बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया.

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

पोस्ट के वायरल होते ही इसे करीब 60,000 से अधिक बार देखा गया और इस पर हजारों लाइक्स और शेयर आए. सोशल मीडिया यूजर्स ने इस अनोखी तरकीब को ‘जीनियस’ करार दिया और कई लोगों ने इस विचार के लिए धन्यवाद भी दिया.

कुछ उपयोगकर्ताओं ने लिखा 

  • 'बेंगलुरु में सर्वाइव करने के लिए यही जुगाड़ जरूरी है!'
  •  'भाई, पोर्टर सिर्फ सामान ही नहीं, इंसानों को भी पहुंचाने लगा!'
  •  'अब कुली की सर्विस में ‘ऑफिस ड्रॉप’ भी जोड़ देना चाहिए.'  

बेंगलुरु की अनोखी सवारी संस्कृति

यह पहली बार नहीं है जब बेंगलुरु में लोगों ने परिवहन के लिए अनूठे समाधान निकाले हैं. शहर में ट्रैफिक जाम और कैब की अनुपलब्धता के कारण लोग ऑटो, बाइक टैक्सी, साइकिल और अब पोर्टर जैसी सेवाओं का सहारा लेने लगे हैं.

हालांकि, यह घटना दर्शाती है कि कैसे तकनीक और जुगाड़ की मदद से लोग अपनी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं. शायद भविष्य में पोर्टर जैसी सेवाएं सिर्फ सामान ही नहीं, बल्कि यात्रियों को भी ढोने के लिए विशेष विकल्प पेश करें!  

तो अगली बार अगर आपको भी ओला या उबर न मिले, तो क्या आप भी पोर्टर ट्राई करेंगे?